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सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से 29334 शिक्षक भर्ती रोकने का कारण पूछा नौ साल में भर्ती पूरी नहीं हो सकी

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बिना सभी पदों को भरे विज्ञान और गणित विषय के 29334 सहायक शिक्षकों की भर्ती पर अचानक रोक लगाने का कारण पूछा है.

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से 29334 शिक्षक भर्ती रोकने का कारण पूछा नौ साल में भर्ती पूरी नहीं हो सकी

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बिना सभी पदों को भरे विज्ञान और गणित विषय के 29334 सहायक शिक्षकों की भर्ती पर अचानक रोक लगाने का कारण पूछा है.

हिमांशु शर्मा की रिपोर्ट,सहारनपुर: सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बिना सभी पदों को भरे विज्ञान और गणित विषय के 29334 सहायक शिक्षकों की भर्ती पर अचानक रोक लगाने का कारण पूछा है. 18 मई को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि सेवा नियमावली और भर्ती रोकने के फैसले के संबंध में अगली तारीख को मूल फाइल पेश की जाए. अगली सुनवाई अगस्त में होनी है।

राज्य सरकार ने 23 मार्च 2017 को मौखिक आदेश से भर्ती रोक दी थी। इसके खिलाफ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने मौखिक आदेश को दरकिनार करते हुए दो माह में भर्ती पूरी करने का आदेश दिया, लेकिन सरकार ने इसे नहीं माना। सरकार ने उच्च न्यायालय में ही विशेष अपील और समीक्षा याचिकाएं दायर कीं, लेकिन दोनों को खारिज कर दिया गया। इसके बाद अभ्यर्थियों ने भर्ती नहीं होने पर अवमानना याचिका दायर की थी। इससे बचने के लिए सरकार ने मई 2019 में सुप्रीम कोर्ट में विशेष अपील की थी, जिसकी सुनवाई चल रही है.

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नौ साल में नहीं हो सकी भर्तियां पूरी

11 जुलाई 2013 से शुरू हुई भर्ती करीब नौ साल में पूरी नहीं हुई है। यह मामला पिछले तीन साल से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। अभ्यर्थी आलोक चौधरी एवं मनोज कुमार ने बताया कि जनवरी-फरवरी 2015 तक सात राउंड की काउंसलिंग के बाद 26115 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था। उसके बाद टीईटी में 82 अंकों के आधार पर सफल अभ्यर्थियों के लिए 8वें राउंड की काउंसिलिंग कराई गई और जनवरी-फरवरी 2016 में नियुक्ति पत्र दिया गया . जिन उम्मीदवारों ने पूर्व में काउंसलिंग की थी, लेकिन उन्हें शामिल होने से मना कर दिया गया था, उन्हें नवंबर 2016 में नियुक्ति का आखिरी मौका मिला। उनकी प्रक्रिया चल रही थी कि सरकार ने भर्ती को रोक दिया।

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