Jharkhand

झारखंड के नए विधानसभा में नमाज के लिए दिया गया कमरा, बीजेपी ने कहा- हनुमान मंदिर भी बनाओ

पूर्व स्पीकर और बीजेपी नेता सीपी सिंह ने कहा है कि मैं नमाज अदा करने के लिए आवंटित किए गए कमरे के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन उन्हें झारखंड विधानसभा परिसर में मंदिर भी बनाना चाहिए

झारखंड के नए विधानसभा में नमाज के लिए दिया गया कमरा, बीजेपी ने कहा- हनुमान मंदिर भी बनाओ

पूर्व स्पीकर और बीजेपी नेता सीपी सिंह ने कहा है कि मैं नमाज अदा करने के लिए आवंटित किए गए कमरे के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन उन्हें झारखंड विधानसभा परिसर में मंदिर भी बनाना चाहिए।

न्यूज डेस्क रांची : झारखंड के नए विधानसभा भवन में नमाज अदा करने के लिए अलग से कमरा आवंटित किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि नए विधानसभा भवन में नमाज अदा करने के लिए कमरा संख्या TW-348 आवंटित किया जाता है। 2 सितंबर के जो जारी इस आदेश के सार्वजनिक होते ही सियासत शुरू हो गई है। बीजेपी ने कहा है कि यदि नमाज के लिए कमरा दिया गया है तो इसमें हनुमान जी का मंदिर भी बनवाया जाए।

पूर्व स्पीकर और बीजेपी नेता सीपी सिंह ने कहा है कि मैं नमाज अदा करने के लिए आवंटित किए गए कमरे के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन उन्हें झारखंड विधानसभा परिसर में मंदिर भी बनाना चाहिए। मैं यहां तक मांग करता हूं कि वहां हनुमान मंदिर की स्थापना की जाए। अगर स्पीकर ने मंजूरी दी तो हम अपने खर्च पर मंदिर का निर्माण कर सकते हैं। इसके अलावा बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि लोकतंत्र का मंदिर लोकतंत्र के मंदिर के रूप में ही रहना चाहिए। नमाज के लिए अलग कमरा (झारखंड विधानसभा के नए भवन में) आवंटित करना गलत है। हम इस फैसले के खिलाफ हैं।

वहीं बीजेपी विधायक अनंत ओझा ने इस पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया है कि ये क्या स्पीकर साहब, अब राज्य की सबसे बड़ी पंचायत भी तुष्टिकरण को पोषित करने की राह पर? झारखंड विधानसभा में नमाज़ अदा करने के लिए कक्ष। झारखंड की जनता सब देख रही है। सर्वधर्म समभाव की मूल आत्मा को कलंकित करने वाला निर्णय। वहीं झारखंड बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाह देव लिखते हैं कि जब चौतरफा असफलताओं से घिर जाओ तो ध्यान भटकाने की कोशिश करो। झारखंड के इतिहास में पहली बार विधानसभा भवन में नमाज अदा करने के लिए नमाज भवन बनाया गया। तुष्टीकरण की सारी सीमाएं पार हो गईं। क्या विधानसभा में बहुसंख्यक समाज के लिए मंदिर या प्रार्थना कक्ष की व्यवस्था है?

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