![In Gujarat a 17year old teenager killed his father after he was stopped from playing a game on his mobile phone](https://asianewsindia.com/wp-content/uploads/2021/09/WhatsApp-Image-2021-09-03-at-14.03.21-780x470.jpeg)
गुजरात मेँ 17 वर्षीय किशोर ने मोबाइल पर गेम खेलने से टोकने पर पिता की हत्या कर दी
इच्छापोर पुलिस सूत्रों के मुताबिक कवासगांव में रहने वाले चालीस वर्षीय श्रमिक को उसकी पत्नी और सत्रह वर्षीय पुत्र मंगलवार शाम न्यू सिविल अस्पताल में लेकर आए थे। उस समय उसकी मौत हो गई थी।
न्यूज डेस्क सूरत : मोबाइल पर गेम खेलने में मग्न रहने वाले किशोरों के अभिभावकों के लिए खतरे की घंटी कहा जाने वाला मामला कवास क्षेत्र में सामने आया हैं। जहां एक सत्रह वर्षीय किशोर ने मोबाइल पर गेम खेलने से टोकने पर अपने पिता की गला घोंट कर हत्या कर दी। बाद में पुलिस को गुमराह करने का भी प्रयास किया लेकिन पोस्टमार्टम में मामले का खुलासा हो गया।
इच्छापोर पुलिस सूत्रों के मुताबिक कवासगांव में रहने वाले चालीस वर्षीय श्रमिक को उसकी पत्नी और सत्रह वर्षीय पुत्र मंगलवार शाम न्यू सिविल अस्पताल में लेकर आए थे। उस समय उसकी मौत हो गई थी। उन्होंने चिकित्सकों व पुलिस को बताया था कि कुछ दिन पूर्व बॉथरूम में गिरने तबीयत फिर मंगलवार शाम को सो गए और फिर उठे ही नहीं।
इस पर वे अस्पताल लेकर आए। लेकिन चिकित्सकों व पुलिस को उनकी बात गले नहीं उतर रही थी। मृतक का फोरेन्सिक पोस्टमॉर्टम करवाया गया। जिसमें गला घोंट कर हत्या किए जाने का खुलासा हुआ। रिर्पोट सामने आते ही पुलिस टीम बुधवार को उनके घर पहुंच गई। पुलिस ने घर की तलाशी ली और मृतक की पत्नी से पूछताछ की लेकिन वह बाथरूम में गिरने की ही बात लगातार बता रही थी।
पुलिस ने उसके सत्रह वर्षीय पुत्र से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि वह अधिकतर मोबाइल पर गेम खेलता था। जिसकी वजह से उसके पिता अक्सर उसे टोकते थे और उससे मोबाइल छीन लेते थे। जिसकी वजह से पिता के साथ विवाद होता था।
मंगलवार शाम जब उसकी माता बाहर गई हुई तब फिर मोबाइल फोन को लेकर पिता के साथ विवाद हुआ। गुस्से में उसने पिता का गला घोंट दिया और उनकी मौत हो गई। माता के लौटने पर उसने कुछ नहीं बताया। फिर वे अस्पताल ले गए। पुलिस ने उसकी माता कि शिकायत पर नाबालिग आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की है।
खतरनाक हैं हिंसक गेम:
मनोचिकित्सकों की माने तो मोबाइल पर जो गेम किशोर खेलते हैं उनमें से अधिकतर हिंसक प्रवृति के हैं। जिसका असर किशोरों के दिलो दिमाग पर भी होता हैं। खेल में वे जो हिंसा करते थे उसका उनकी मनोस्थिति पर भी असर पर पड़ता हैं। कई बार गुस्से में रीयल लाइफ में भी इस तरह की हिंसा कर बैठते हैं।