कश्मीर में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम को बादल फटने से आई तबाही और बाढ़ के कारण कई लोग बह गए
अमरनाथ के तबाही और बाढ़ के कारण कई लोग बह गए हादसे में अब तक 15 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है. एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि करीब 40 लोग लापता हैं तथा पांच को बचाया गया है.
![Several people were washed away due to the devastation and floods caused by cloudburst on Friday evening near the holy Amarnath cave located in Kashmir.](https://asianewsindia.com/wp-content/uploads/2022/07/WhatsApp-Image-2022-07-09-at-8.57.28-AM-780x470.jpeg)
कश्मीर में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम को बादल फटने से आई तबाही और बाढ़ के कारण कई लोग बह गए
अमरनाथ के तबाही और बाढ़ के कारण कई लोग बह गए हादसे में अब तक 15 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है. एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि करीब 40 लोग लापता हैं तथा पांच को बचाया गया है.
हादसे के बाद करीब 40 लोग लापता हैं. वहीं, पांच को बचाया गया है
अमित मिश्रा की रिपोर्ट, भोपाल: दक्षिण कश्मीर में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम को बादल फटने से आई आकस्मिक बाढ़ के कारण कई लोग बह गए. हादसे में अब तक 15 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है. एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि करीब 40 लोग लापता हैं तथा पांच को बचाया गया है . हादसे के बाद बालटाल बसे कैम्प से पहलगाम की ओर श्रद्धालुओं की चढ़ाई को रोकने का फैसला किया गया था. खराब मौसम को देखते हुए ये फैसला लिया गया था. हालांकि, शनिवार को मौसम में सुधार आने के बाद श्रद्धालुओं का नया जत्था पहलगाम की ओर रवाना हुआ. इस संबंध में एक श्रद्धालु ने बताया कि हम पहलगाम कैंप की ओर बढ़ रहे हैं. हमे उम्मीद है कि यात्रा फिर से शुरू हो जाएगी. हम प्रार्थना करते हैं कि भोलेनाथ सभी श्रद्धालुओं की रक्षा करें.
कल शाम अचानक आई बाढ़ के कारण पवित्र गुफा क्षेत्र के पास फंसे अधिकांश यात्रियों को पंजतरणी शिफ्ट कर दिया गया है. ITBP ने लोअर होली गुफा से पंजतरणी तक सुरक्षा दलों को लगाया था. रेस्क्यू तड़के 3.38 बजे तक जारी रहा. कोई भी यात्री ट्रैक पर नहीं बचा है. अब तक करीब 15,000 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. इधर, बालटाल बेस हॉस्पिटल में घायलों को लाना शुरू हो गया है. 3 घायल लाए गए हैं. इधर, भारतीय सेना ने निचले अमरनाथ गुफा स्थल पर बादल फटने से प्रभावित क्षेत्र में बचाव अभियान जारी रखा है. लोगों को हेलिकॉप्टर के सहारे रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया जा रहा है. वहीं, संगम टॉप पर आईटीबीपी के जवान तीर्थयात्रियों की मदद करने के साथ-साथ घायलों को प्राथमिक उपचार प्रदान कर रहे हैं.
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गंगानगर से 27 सदस्यों का दल अमरनाथ यात्रा गया था
बता दें कि चार जुलाई को राजस्थान के श्री गंगानगर से 27 सदस्यों का दल अमरनाथ यात्रा गया था. हालांकि, बादल फटने की घटना में इस दल के सुनील खत्री (रिटायर सीआई) और उनकी समधन की मौत हो गई. जबकि, व्यापारी सहित दल के 7 सदस्य अभी भी लापता हैं. बादल फटने वाली जगह से उक्त दल के 10 लोग बहे थे, जिनमें से तीन को बचाया गया. अमरनाथ गुफा में फंसे श्रद्धालु नवीन बठेजा ने ये जानकारी दी है. अमरनाथ गुफा क्षेत्र में शुक्रवार को बादल फटने की घटना हुई, जिसके परिणामस्वरूप पवित्र गुफा से सटे ‘नाले’ में पानी का भारी बहाव हुआ.
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के अधिकारियों के अनुसार, शाम करीब साढ़े पांच बजे निचली गुफा (अमरनाथ) में बादल फटा, जिसके बाद बचाव दल मौके पर पहुंचे. जम्मू-कश्मीर के गांदरबल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए शाह ने शुक्रवरा को कहा था, ” अमरनाथ के पवित्र मंदिर के पास बादल फटने से 13 लोगों की मौत हो गई और 48 अन्य घायल हो गए. बता दें कि कोरोना काल के कारण दो साल के बाद इस साल 30 जून को तीर्थयात्रा शुरू हुई, तब से अब तक एक लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने मंदिर में पूजा-अर्चना की है.
‘बचाव अभियान जारी है’: राष्ट्रपति कोविंद और PM मोदी ने अमरनाथ हादसे पर जताया दुख, हर मदद का दिया भरोसा
अमरनाथ गुफा के करीब बादल फटने से श्रद्धालुओं की मौत पर सोनिया-राहुल सहित कई नेताओं ने शोक जताया.