यूपी में मंकी पाक्स अलर्ट: उत्तर प्रदेश में मंकी पाक्स का खतरा बढ़ गया है, जिसके बाद योगी सरकार ने चेतावनी जारी की है
दूसरे देश में मंकी पाक्स से संक्रमित मरीज के संपर्क में आया है और उसमें इस बीमारी के लक्षण हैं तो उसे तुरंत आइसोलेट कर दिया जाएगा।
![Monkey Pox Alert in UP: The threat of monkey pox has increased in Uttar Pradesh, after which the Yogi government has issued a warning](https://asianewsindia.com/wp-content/uploads/2022/05/WhatsApp-Image-2022-05-30-at-9.14.50-AM-780x470.jpeg)
यूपी में मंकी पाक्स अलर्ट: उत्तर प्रदेश में मंकी पाक्स का खतरा बढ़ गया है, जिसके बाद योगी सरकार ने चेतावनी जारी की है
दूसरे देश में मंकी पाक्स से संक्रमित मरीज के संपर्क में आया है और उसमें इस बीमारी के लक्षण हैं तो उसे तुरंत आइसोलेट कर दिया जाएगा।
हिमांशु शर्मा की रिपोर्ट,सहारनपुर: उत्तर प्रदेश में मंकी पाक्स से प्रभावित देशों से पिछले 21 दिनों के भीतर लौटे लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी. अगर वह किसी दूसरे देश में मंकी पाक्स से संक्रमित मरीज के संपर्क में आया है और उसमें इस बीमारी के लक्षण हैं तो उसे तुरंत आइसोलेट कर दिया जाएगा। ऐसे लोगों के नमूने जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी), पुणे भेजे जाएंगे। संचारी रोग विभाग की ओर से विस्तृत गाइड लाइन जारी की गई है। सभी एयरपोर्ट पर चौकसी बढ़ा दी गई है। निगरानी समितियों को भी अलर्ट कर दिया गया है।
हालांकि, अभी तक भारत में एक भी व्यक्ति मंकी पाक्स से संक्रमित नहीं पाया गया है। महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. वेद ब्रत सिंह ने कहा कि मंकी पाक्स का संक्रमण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों में फैल गया है। मंकी पाक्स एक वायरल जूनेटिक बीमारी है। संक्रमित व्यक्ति को बुखार के साथ-साथ शरीर पर दाने निकल आते हैं। मंकी पाक्स जानवर से इंसान में या एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है। वायरस टूटी हुई त्वचा, श्वासनली या म्यूकोसा (आंख, नाक या मुंह) के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है।
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जानवरों से मनुष्यों में संक्रमण जानवरों के काटने या खरोंच, जंगली जानवरों के मांस के सीधे संपर्क, शारीरिक द्रव्यों या घाव के पदार्थ के साथ सीधे संपर्क या फिर उसके दूषित बिस्तर के माध्यम से हो सकता है। दूसरी ओर, यह बड़े आकार के रेस्पायरेटरी ड्रापलेट्स या फिर संक्रमित व्यक्ति के घाव के स्राव के सीधे संपर्क में आने से मानव से मानव में फैल सकता है। इसके लक्षण चेचक के समान होते हैं। इंसान सात से 14 दिन या यहां तक कि 21 दिन तक भी संक्रमित रह सकता है। सभी जिलों में सर्विलांस टीमों को अलर्ट कर दिया गया है। संदिग्ध रोगी के वेसिकल्स के तरल पदार्थ, रक्त, बलगम आदि के नमूने जांच के लिए भेजे जाएंगे। इस संक्रामक रोग की मृत्यु दर एक प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक होती है।