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माननीय राज्यपाल श्री सी०पी० राधाकृष्णन ने राज भवन में भेंट की

माननीय राज्यपाल श्री सी०पी० राधाकृष्णन ने सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक से अवगत कराया।

माननीय राज्यपाल श्री सी०पी० राधाकृष्णन ने राज भवन में भेंट की

माननीय राज्यपाल श्री सी०पी० राधाकृष्णन ने सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक से अवगत कराया।

राखी की रिपोर्ट रांची : माननीय राज्यपाल श्री सी०पी० राधाकृष्णन ने कहा कि हमारे इतिहास में कई ऐसी महिलाएं का उल्लेख मिलता है जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में कीर्तिमान स्थापित किए। आज हमारे देश की महिलाएं प्रगति के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और अपने उल्लेखनीय योगदान से देश-विदेश में नाम रौशन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन सभ्यता-संस्कृति में भी महिलाओं का बहुत आदर व सम्मान था। महिलाएं सदैव हमारे सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक लोकाचार प्रणाली की रीढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि समग्र विकास के लिए महिला एवं पुरुष दोनों का सशक्त होना नितांत आवश्यक है। राज्यपाल महोदय आज जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस (एक्सआईएसएस), राँची में सेंटर फॉर कैटलाइजिंग चेंज (सी3), जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस (एक्सआईएसएस) एवं द इंडियन एसोसिएशन फॉर वोमेंस स्टडीज (आईएडब्लूएस) द्वारा संयुक्त रूप से ‘पूर्वी भारत में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और महिला समूहों की भूमिका’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल महोदय ने कहा कि वर्तमान में देश के राष्ट्रपति पद को माननीया श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी, जो झारखण्ड राज्य की राज्यपाल भी रह चुकी हैं और यहाँ के लोगों के हृदय में है, द्वारा सुशोभित करना महिला सशक्तिकरण का हमारे देश में एक सर्वोच्च उदाहरण प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यक्ति के सशक्तिकरण का सशक्त साधन है। इसलिए प्रत्येक बालिका को उचित शिक्षा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि एक लड़का शिक्षा प्राप्त करता है, तो वह अकेला शिक्षित होता है, लेकिन अगर किसी परिवार में एक लड़की शिक्षा ग्रहण करती है, तो पूरे परिवार को लाभ होता है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में लैंगिक भेद-भाव के उन्मूलन और बालिका शिक्षा में सुधार हेतु ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना’ महत्वपूर्ण है।

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उन्होंने कहा कि हर्ष का विषय है कि महिलाओं की समग्र स्थिति में सुधार हो रहा है। वे शिक्षा प्राप्त करने के प्रति जागरूक और सक्रिय हैं तथा सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में अग्रसर हैं। महिलाओं की जागरूकता हमारे देश व समाज के लिए शुभ संकेत है।
माननीय राज्यपाल ने कहा कि महिला सशक्तिकरण एक वैश्विक मुद्दा है। समाज या राष्ट्र का विकास महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि महिला समूहों ने लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अलावा, स्वयं सहायता समूह भी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिला सशक्तिकरण, सामाजिक एकता और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। झारखंड में महिला सशक्तिकरण और आर्थिक विकास पर स्वयं सहायता समूहों का प्रभाव महत्वपूर्ण रहा है।
उक्त अवसर पर जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस (एक्सआईएसएस) के निदेशक डॉ० जोसेफ एम० कुजूर, सेंटर फॉर कैटलाइजिंग चेंज (सी3) की कार्यकारी निदेशक डॉ० अपराजिता गोगोई, द इंडियन एसोसिएशन फॉर वोमेंस स्टडीज (आईएडब्लूएस) की अध्यक्षा प्रो० इशिता मुखोपाध्याय आदि ने भी इस राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया।

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