अफगान हवाई अड्डों कब्ज़ा कर भारत के खिलाफ पाकिस्तान को मजबूत बनाने की कोशिश कर रहा चीन
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत रहीं निक्की हेली ने कहा कि अब समय आ गया है कि अमेरिकी प्रशासन भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे प्रमुख दोस्तों तथा सहयोगियों से सम्पर्क कर उन्हें आश्वासन दे कि वह हमेशा उनका साथ देगा
![China trying to strengthen Pakistan against India by capturing Afghan airports](https://asianewsindia.com/wp-content/uploads/2021/09/WhatsApp-Image-2021-09-03-at-15.49.29-1.jpeg)
अफगान हवाई अड्डों कब्ज़ा कर भारत के खिलाफ पाकिस्तान को मजबूत बनाने की कोशिश कर रहा चीन, पूर्व अमेरिकी राजदूत ने जताई आशंका
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत रहीं निक्की हेली ने कहा कि अब समय आ गया है कि अमेरिकी प्रशासन भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे प्रमुख दोस्तों तथा सहयोगियों से सम्पर्क कर उन्हें आश्वासन दे कि वह हमेशा उनका साथ देगा।
अंतरराष्ट्रीय न्यूज डेस्क : अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के साथ ही देश के सभी सैनिक और असैनिक हवाई अड्डे भी उन्हीं के नियंत्रण में चले गए हैं। कुछ दिनों पहले तक काबुल का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अमेरिकी सैनिकों के नियंत्रण में था, लेकिन अब वह भी तालिबान लड़ाकों के कब्जे में जा चुका है। ऐसे में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण बगराम एयरबेस को लेकर चिंता जताई जा रही है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने आशंका जताई है कि तालिबानियों के साथ मिलकर चीन इस हवाई अड्डे को अपने फायदे के लिए उपयोग कर सकता है। यदि चीन अपनी योजना में सफल रहता है तो वो पाकिस्तान के जरिये बगराम का उपयोग भारत के खिलाफ भी कर सकता है।
निक्की हेली ने कहा है कि तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका को चीन पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। क्योंकि वह बगराम हवाई अड्डे पर अपनी नज़र गड़ाए बैठा हुआ है और इसपर कब्ज़ा भी कर सकता है। चीन अब अफगानिस्तान में भी अपनी मजबूती दर्ज कराना चाहता है और भारत के खिलाफ पाकिस्तान को इस्तेमाल कर सकता है। इसलिए हमारे सामने कई तरह की चुनौतियां है। साथ ही उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि अमेरिकी प्रशासन भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे प्रमुख दोस्तों तथा सहयोगियों से सम्पर्क कर उन्हें आश्वासन दे कि वह हमेशा उनका साथ देगा।
हालांकि इस दौरान उन्होंने अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुलाने के फैसले को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की आलोचना भी की। निक्की हेली ने कहा कि अफगानिस्तान से अचानक सेना को वापस बुलाने के फैसले के बाद राष्ट्रपति जो बाइडन अमेरिका के सहयोगियों का विश्वास और भरोसा खो चुके हैं। इससे पहले भी निक्की हेली ने जो बाइडेन प्रशासन की अफगान नीति और बगराम हवाई अड्डे को तालिबान को दिए जाने को लेकर सवाल उठाए थे।
बता दें कि पिछले दिनों निक्की हेली ने कहा था कि जो बाइडेन प्रशासन ने तालिबान के सामने पूरी तरह से आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने बगराम सैन्य हवाई अड्डे भी तालिबान को सौंप दिया जो नाटो का एक प्रमुख हवाई अड्डा था। साथ ही अमेरिकी प्रशासन ने 85 बिलियन डॉलर के रक्षा उपकरण और हथियार का भी आत्मसमर्पण तालिबान के सामने कर दिया। जबकि ये सब हथियार और उपकरण अमेरिका में वापस आने चाहिए थे।
इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति के प्रेस सचिव ने बयान जारी कर कहा है कि अमेरिका तालिबान को मान्यता देने में कोई जल्दीबाजी नहीं करेगा। वैश्विक समुदाय की उम्मीदों पर खरा उतरने के फैसले पर ही तालिबान को मान्यता देने पर विचार किया जाएगा और साथ ही तालिबानी के व्यवहार पर भी इसका फैसला किया जाएगा।