
370 और नागरिकता क़ानून पर केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी का बयान
ज्योति कुमारी की रिपोर्ट दिल्ली: हाल ही में पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। सरकार के इस कदम के बाद 370 और नागरिकता क़ानून को लेकर भी कई लोगों के बयान सामने आ रहे हैं। ऐसे में क़ानून पर केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी का बयान आया है जिसमे उन्होंने कहा कि 370 और नागरिकता क़ानून वापस लेने की अब मांग उठ रही है। जो लोग यह मांग कर रहे हैं, वे जानते हैं कि नागरिकता क़ानून नागरिकता छीनने का नहीं बल्कि नागरिकता देने का क़ानून है।
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370 और नागरिकता क़ानून को 5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के एक खंड को छोड़कर बाकी सभी को समाप्त कर दिया गया। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों-जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया। अब वर्तमान समय में राज्य में केवल अनुच्छेद-370 का खंड-1 ही लागू है जिसके अनुसार जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न राज्य है और संसद को जम्मू-कश्मीर के लिए कानून बनाने का अधिकार है। अनुच्छेद-370 और 35ए के बाकी सभी प्रावधान यहां के नागरिकों को कुछ विशेष अधिकार और सुविधाएं देते थे उन सभी प्रावधानों को समाप्त कर दिया गया है।
इससे पहले भी केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर का भी बयान आया था जिसमे उन्होंने कहा कि तीनों कृषि क़ानून वापस लेने के बाद विपक्ष के पास अब कोई मुद्दा नहीं है। विपक्ष सोच रहा है कि कृषि क़ानून वापस हो गए तो CAA-NRC भी वापस हो जाएगा। CAA-NRC वापस करने की मांग जो कर रहे हैं, वे गलतफहमी के शिकार हैं। https://t.co/7uVkJknZ2Q