आंदोलन में मरने वाले किसानों का सरकार के पास कोई रिकॉर्ड नहींं- कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
प्रीति कुमारी की रिपोर्ट लखनऊ: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को संसद में बताया कि सरकार के पास दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मरने वाले किसानों का कोई रिकॉर्ड नहीं है। वही विपक्ष की ओर से मृतक किसानों के परिवारों को आर्थिक मुआवजा दिए जाने के सवाल पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा चुंकि सरकार के पास किसानों की मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं है, ऐसे में आर्थिक सहायता देने का भी कोई सवाल नहीं उठता है।
किसान नेताओं का लंबे समय से यह दावा है कि सिंधु टिकरी और गाजीपुर सीमा पर लगातार कृषि कानूनों का विरोध करने वाले 700 से ज्यादा किसान अब तक जान गवा चुके हैं, बल्कि यह मौतें मुख्य रूप से मौसम की मार, गंदगी के कारण होने वाली बीमारियों और आत्महत्या के कारण हुई है।
बताया जा रहा है कि इस बीच आंदोलनकारी किसान अपनी मांगों पर अड़े है। लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा ने मांग की है की सरकार बाकी लंबित मुद्दों पर किसान नेताओं के साथ बातचीत करें।
आपको बता दें तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने वाले बिल पास होने के बावजूद संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक ये सरकार एमएसपी पर कानून बनाने की उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती है, किसानों ने यह भी मांग की है कि प्रदर्शन के दौरान दर्ज हुए पुलिस केस भी वापस लिए जाएं और इस दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए, वही किसानों ने दावा किया है कि मंगलवार को केंद्र सरकार ने एमएसपी सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए उनसे 5 प्रतिनिधियों के नाम मांगे हैं।