प्रदुषण पर सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
ज्योति कुमारी की रिपोर्ट दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण का मामला काफ़ी गंभीर हो चूका है। दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार दोनों के ही किये गए प्रयास प्रदुषण को कम करने में सफल नही हो पाया है। दिल्ली में कई तरह के प्रतिबंध भी लागए गए है ताकि प्रदुषण को कम किया जा सकें। प्रदुषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट काफी सख़्त है।
दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण को लेकर 2 दिसंबर को फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। प्रदुषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर अपना सख्त रुख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली सरकार से पूछा कि जब राजधानी में प्रदूषण इस हद तक बढ़ चुका है तो आखिर स्कूल क्यों खुले है। कोर्ट ने कहा कि जब दिल्ली सरकार वयस्कों के लिए वर्क फ्रॉम होम की सुविधा लागू कर सकती है तो आखिर बच्चों को जबरदस्ती स्कूल जाने के लिए मजबूर क्यों किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, “हमें लगता है वायु प्रदूषण के मुद्दे पर कुछ हो ही नहीं रहा, जबकि इसका स्तर लगातार खराब होता जा रहा है।”
सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही दिल्ली और आसपास के राज्यों को यह निर्देश दे दिया था कि वो यह बताएं कि उन्होंने प्रदूषण पर काबू पाने के लिए गठित आयोगों के निर्देशों का कितना पालन किया है। प्रदुषण के मामले में राज्यों की लापरवाही से सुप्रीम कोर्ट पहले भी अपनी नाराजगी जाहिर कर दिया है। आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता आज भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है।