तैयारियां हुई शुरू अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जाएगा आजादी के 75 सालों का जश्न
अपनी बेशकीमती शिल्पकलाओं के लिए विश्वविख्यात खजुराहो को अब अपने अनोखे अंतराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के लिए भी जाना जाता है
![Preparations started: Celebration of 75 years of independence will be celebrated as Amrit Mahotsav](https://asianewsindia.com/wp-content/uploads/2021/11/WhatsApp-Image-2021-11-11-at-12.13.14.jpeg)
Khajuraho International Film Festival 2021 तैयारियां हुई शुरू, अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जाएगा आजादी के 75 सालों का जश्न
मध्य प्रदेश ब्यूरो: नेशनल “बीते दिनों 7वें खजुराहो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल 2021 के पोस्टर का विमोचन बुंदेलखंड विकास बोर्ड के माननीय उपाध्यक्ष व समारोह के आयोजक राजा बुंदेला ने किया था. इस बार 5 से 11 दिसंबर 2021 के बीच KIFF, टापरा टॉकीज के साथ अपने पारम्परिक अंदाज में फिल्मों की प्रदर्शनी करेगा. साथ ही लोगों को मनोरंजन जगत की कई महान हस्तियों के साथ रूबरू होने का मौका भी मिलेगा.”
भोपाल, अपनी बेशकीमती शिल्पकलाओं के लिए विश्वविख्यात खजुराहो को अब अपने अनोखे अंतराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के लिए भी जाना जाता है. जहां बांस-बल्लियों के साथ बेहद खास ढंग से तैयार की गई टापरा टाकीज में फिल्मों की प्रदर्शनी देखने को मिलती है. मध्यप्रदेश के सबसे बड़े पर्यटन केंद्रों में से एक खजुराहो में पिछले 6 सालों से आयोजित हो रहे अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल (KIFF) का सांतवा एडिशन जल्द देखने को मिलेगा. जहां गतवर्ष दुनियाभर के फिल्म फेस्टिवल वर्चुअल तरीके से आयोजित किए गए थे, वहीँ एक कदम आगे बढ़ते हुए KIFF का आयोजन वर्चुअल व पारंपरिक, दोनों तरीकों से किया गया था.
बुंदेलखंड विकास बोर्ड के माननीय उपाध्यक्ष व समारोह के आयोजक राजा बुंदेला ने सोशल मीडिया हैंडल कू पर कू किया कि, “संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के सहयोग से होने वाले फेस्टिवल को इस बार आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जाएगा. 5 से 11 दिसंबर तक होने वाले इस समारोह को आजादी के परवानों को समर्पित किया गया है. उन्होंने बताया कि KIFF का आयोजन सिनेमा की विश्व विरासत को बचाने का प्रयास है. पहले सिनेमाघर नहीं हुआ करते थे तब टपरा टॉकीज में लोग फिल्मों का लुफ्त उठाते थे। गांव में होने वाले खजुराहो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल को विलेज फेस्टिवल भी कहा जाता है.”
स्थानीय स्तर पर फेस्टिवल की फिल्मों को पहले की तरह ही तरह टपरा टॉकीज में दिखाया जाएगा. बांस बल्ली गाड़कर तिरपाल से बनाए गए तम्बुओं को टपरा टॉकीज कहते हैं. KIFF की फिल्मों को शुरुआत से ही सिनेमाघरों की बजाय टपरा टॉकीज में दिखाया जा रहा है. इस कारण यह एक अनूठे अंदाज वाला फेस्टिवल बन गया है.
बता दें कि खजुराहो अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का आयोजन स्थानीय भाषा, संस्कृति, परिवेश और पर्यटन की खूबसूरती को दर्शाता है. फेस्टिवल के आयोजन का उद्देश्य बुंदेलखंड के प्रतिभाशाली फिल्म कलाकारों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है. फेस्टिवल में बड़ी संख्या में स्थानीय भाषा की फिल्मों को भी प्रदर्शित किया जाता है. जिसकी सराहना पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी कर चुके हैं.