आज घर-घर विराजेंगे बप्पा, गणेश जी की मूर्ति लेते समय रखें इन बातोंका ध्यान
गणेश चतुर्थी 2021 : आज पूरे देश में धूमधाम से मनाई जा रही है. सुबह से ही बप्पा को घर लाने की तैयारियां शुरू होगईं. जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.
मुंबई ब्यूरो : आज पूरे देश में धूमधाम से मनाई जा रही है. सुबह से ही बप्पा को घर लाने की तैयारियां शुरू हो गईं. गणेशजी आज विराजमान होने के बाद 10 दिन बाद यानि 19 सिंतबर को अनंत चतुदर्शी पर विदा लेंगे. विघ्न विनाशक गणेशजी का पूजन करने से मन की हर इच्छा पूरी होती है. इस महापर्व में यदि शुभ मुहूर्त में गणेश भगवान की मूर्ति की स्थापनाकी जाए, तो अत्यंत लाभकारी होता है. आइये जानते हैं गणेश स्थापना का शुभ समय और पूजा विधि.
शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी के दिन पूजन का शुभ मुहूर्त 12 बजकर 18 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त से शुरू होगा और रात 9 बजकर 57 मिनट तक पूजन का शुभ समय रहेगा. खास बात ये है कि इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर भद्रा का साया नहीं रहेगा.
इस तरह करें पूजा
गणेश चतुर्थी वाले दिन सुबह उठकर स्नानादि से निवृत्ति होकर सोना, तांबा, चांदी, मिट्टी या गोबर से गणेश जी की मूर्तिबनाकर पूजा करें. पूजन के समय 21 मोदकों का भोग लगाएं. गणेश जी को हरी दुर्वा के 21 अंकुर लेकर दो–दो करकेगणेश जी के 10 नामों का जाप करते हुए पूजन करें.
इस तरह की लायें मूर्ति
गणेश जी की अलग–अलग मूर्तियां अलग–अलग तरह के फल देती हैं. सबसे ज्यादा पीले रंग की और रक्त वर्ण की मूर्तिकी उपासना शुभ होती है. नीले रंग के गणेश जी को “उच्छिष्ट गणपति” कहते हैं, इनकी उपासना विशेष दशाओं में ही कीजाती है. हल्दी से बनी हुई या हल्दी का लेपन की हुई मूर्ति “हरिद्रा गणपति” कहलाती है, गणपति की ये मूर्ति कुछ विशेषमनोकामनाओं के लिए शुभ मानी जाती है. एकदंत गणपति श्यामवर्ण के होते हैं, इनकी उपासना से अदभुत पराक्रम कीप्राप्ति होती है.