
संविधान दिवस’ कार्यक्रम से कांग्रेस के सांसदों ने किया किनारा
ज्योति कुमारी की रिपोर्ट दिल्ली: हर वर्ष देश में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। 26 नवंबर, 1949 को संविधान को अपनाया गया और यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। इस अवसर पर संसद के केंद्रीय कक्ष में कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कांग्रेस ने संसद में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। उनका आरोप है कि नरेंद्र मोदी सरकार संविधान का पालन नहीं कर रही है ओर निरंतर संविधान पर हमले कर रही है और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है। पिछले वर्ष भी कांग्रेस ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया था। विपक्ष की कई अन्य पार्टीयों ने भी इस कार्यक्रम में शामिल नही हो रही है।
वही विपक्ष के इस कदम पर कई तरह की प्रतिकिया सामने आ रही है। केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि आज देश संविधान दिवस मना रहा है, लेकिन विपक्ष इसका विरोध कर रहा है। मुझे लगता है उन्हें संविधान में विश्वास नहीं है। जो लोग इमरजेंसी लागू कर सकते हैं उनसे संविधान में विश्वास रखने की उम्मीद नहीं की जा सकती। विपक्ष विरोध करके अपनी मानसिकता दिखा रहा है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 50 साल से ज़्यादा शासन किया वो संविधान दिवस का बहिष्कार कर रही है। कांग्रेस का इस कार्यक्रम को बहिष्कार करना सिद्ध करता है कि वह केवल नेहरू परिवार से जुड़े लोगों का ही सम्मान और जयंती मनाएगी। यह राजनीति से उठकर सोचने का दिवस है।
वही दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस को लेकर ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि 26 नवंबर को संविधान दिवस है ये दिन उन लोगों को याद करने के लिए है जिनके असाधारण प्रयासों के बदौलत हमारे संविधान का निर्माण हुआ।