
मोदी के वादा और कैबिनेट की मुहर, जानिए क्या है इरादा…..
प्रीति कुमारी की रिपोर्ट लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों से किए वादे को पूरा करते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को तीनों नए कृषि कानून को रद्द करने की संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान इस विधेयक को पेश किया जाएगा, बता दे यह सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी दी है।
शीतकालीन सत्र में होगा कृषि कानून रद्द
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। तीनों ने कृषि कानूनों को वापस लेने के संबंध में सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है, संसद के 29 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में इन कानूनों को रद्द करने से संबंधी प्रक्रिया पूरी की जाएगी और इसे प्राथमिकता के आधार पर पारित भी कराया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कैबिनेट के कार्य को हमने पूरा कर लिया है और संसद को जो करना है उस दिशा में काम को हम सत्र के पहले हफ्ते व पहले दिन से आरंभ करेंगे। ठाकुर ने हालांकि , न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं कृषि से जुड़े अन्य मुद्दों के अध्ययन करने के लिए समिति के गठन से जुड़े सवालों का जवाब नहीं दिया जिसके बारे में पीएम ने घोषणा की थी।
5 दिन में लिए गए फैसले
आपको बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को राष्ट्र के नाम संबोधन में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले की घोषणा की थी और 5 दिन में कैबिनेट ने उस फैसले पर मुहर तक लगा दी। दरअसल उन्होंने किसानों से अपील की थी कि अब उन्हें घर लौट जाना चाहिए क्योंकि लोकसभा सचिवालय के अनुसार संबंधित विधेयक पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध है।
पीएम आवास योजना में 3.61 लाख नए घर
आपको बता दें केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना यानी कि शहरी के तहत 17 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में 3.61 लाख घरों के निर्माण को मंजूरी दे दी है, इस मंजूरी के साथ ही योजना के तहत स्वीकृत घरों की कुल संख्या 1.14 करोड़ हो गई है। इस संबंध में मंत्रालय ने कहा कि 1.14 करोड़ स्वीकृत घरों में से 89 लाख से अधिक का निर्माण किया जा रहा है और 52.5 लाख मकान लाभार्थियों को अब तक वितरित किए गए हैं, राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को बिना देरी किए मुद्दों को हल करने के लिए कहा गया है ताकि घरों के निर्माण में तेजी लाई जा सके।
किसानों ने संसद से लगाई उम्मीद
बताया जा रहा कि किसान संगठनों की मुख्य मांग इन तीन कृषि कानूनों को रद्द करना है, इस दौरान उन्होंने कहा है कि जब तक संसद में कानून रद्द नहीं किए जाते आंदोलन यूं ही चलता रहेगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि सरकार ने औपचारिकता पूरी की है यह एक प्रक्रिया है अब हम चाहते हैं कि सरकार हमारी अन्य मांगों पर भी विचार कर जल्द से जल्द उस पर हमें फैसला सुनाए।