टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ के पहले डिप्टी सीएम बनेंगे
विधानसभा चुनाव से 5 महीने पहले कांग्रेस का फैसला, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दी बधाई

टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ के पहले डिप्टी सीएम बनेंगे
विधानसभा चुनाव से 5 महीने पहले कांग्रेस का फैसला, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दी बधाई
पूनम की रिपोर्ट छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव प्रदेश के पहले डिप्टी सीएम होंगे। बुधवार रात कांग्रेस अध्यक्ष ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। बुधवार को दिल्ली में दिनभर चली कांग्रेस की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सिंहदेव को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, हैं तैयार हम। महाराजा साहब को बधाई। कांग्रेस के इस फैसले को आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि ये नाराज खेमे को खुश करने की कोशिश है।टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बनना चाहते थे। ऐसा दावा किया जाता है कि सरकार गठन के वक्त ये तय हुआ था कि पहले ढाई साल बघेल और फिर ढाई साल सिंहदेव सीएम होंगे। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं।इससे नाराज सिंह देव ने 16 अगस्त 2022 को पंचायत एवं ग्रामीण मंत्रालय छोड़ दिया था। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चार पन्नों का लंबा पत्र लिखकर मंत्रालय छोड़ा था।मंत्रालय छोड़ने का कारण उन्होंने इसका प्रदेश के आवासविहीन लोगों को आवास नहीं मिलना और जनघोषणा पत्र में किए गए वादों का पूरा नहीं होना बताया था। हालांकि, वे स्वास्थ्य और वाणिज्यिकर मंत्री बने रहे।
टीएस सिंहदेव कांग्रेस सरकार के आधार स्तंभों में से एक हैं। 17 दिसम्बर 2018 को उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ मंत्री पद की शपथ लिए थे।
उस दौरान मुख्यमंत्री ने केवल दो मंत्री सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू के साथ कैबिनेट का गठन करके सरकार की औपचारिक शुरुआत की थी।
किसानों की कर्जमाफी और 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने का ऐतिहासिक फैसला भी इन्हीं तीन लोगों ने मिलकर किया था।पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पर्यवेक्षक बनकर राज्य का दौरा किया तो विधायकों में सबसे ज्यादा समर्थन टीएस सिंह देव को मिला था। बताया जाता है कि 67 विधायकों में से 44 विधायकों ने टीएस सिंहदेव का समर्थन किया।
इसके बाद राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री पद के चार संभावित उम्मीदवारों- टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू, भूपेश बघेल और चरण दास महंत से अपने आवास पर मुलाकात की। आलाकमान ने भूपेश बघेल का नाम तय किया।नाराज खेमे को भी खुश करने के लिए तभी से यह चर्चा जोरों पर थी कि ढाई साल बाद सिंहदेव को मौका दिया जाएगा, मगर अब तक ये सिर्फ चर्चा ही थी।
कई बार इस बात को लेकर काफी चर्चा हो चुकी थी। खुद सिंहदेव आलाकमान के साथ बैठक कर चुके थे। बड़ी संख्या में कांग्रेस विधायक दिल्ली पहुंच गए थे। माना जा रहा था कि बैठक के बाद कुछ बड़ा फैसला हो सकता है। लेकिन हुआ कुछ नहीं था। भूपेश बघेल ही मुख्यमंत्री बने रहे।
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