केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची AAP
अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार कोर्ट ने दिल्ली सरकार को दिया था, केंद्र ने अध्यादेश लाकर रोका
पूनम की रिपोर्ट दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर केंद्र सरकार के अध्यादेश को केजरीवाल सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। AAP का कहना है कि केंद्र का अध्यादेश असंवैधानिक है और इस पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए।
केंद्र सरकार ने 19 मई को अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर अध्यादेश जारी किया था। अध्यादेश में उसने सुप्रीम कोर्ट के 11 मई के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को मिला था।
अध्यादेश के मुताबिक, दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का आखिरी फैसला उपराज्यपाल यानी LG का होगा। इसमें मुख्यमंत्री का कोई अधिकार नहीं होगा। संसद में अब 6 महीने के अंदर इससे जुड़ा कानून भी बनाया जाएगा।अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने से एक दिन पहले गुरुवार को AAP ने अध्यादेश की कॉपियां जलाकर विरोध अभियान शुरू करने का ऐलान किया था। पहले खबरें थी कि केजरीवाल 3 जुलाई को दिल्ली में पार्टी ऑफिस के बाहर अध्यादेश की कॉपियां जलाकर अभियान शुरू करेंगे। इस दौरान पार्टी के विधायक और मंत्री भी मौजूद रहेंगे।
इसके बाद 5 जुलाई को देश की सभी विधानसभाओं में अध्यादेश की कॉपी जलाकर विरोध किया जाएगा। फिर 6 से 13 जुलाई तक दिल्ली के चौराहों और मोहल्लों में आप नेता अध्यादेश जलाकर विरोध जताएंगे।
लेकिन देर शाम जानकारी आई कि केजरीवाल और पार्टी के सीनियर लीडर 3 जुलाई को इस आंदोलन में शामिल नहीं होंगे, क्योंकि अब मामला कोर्ट में है।
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