मोदी बोले- संविधान ने आपातकाल देखा और इसका सामना किया
ये इसकी ताकत; CJI बोले-जज का रोल अक्सर तलवार की धार पर चलने जैसा
पूनम की रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार शाम सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे। उन्होंने यहां भारतीय न्यायपालिका की वार्षिक रिपोर्ट 2023-24 जारी की।
पीएम ने अपने संबोधन में कहा- हमने देश में आपातकाल देखा है। हमारे संविधान ने लोकतंत्र के सामने आई इस चुनौती का सामना किया है। ये संविधान की ही ताकत है कि आज जम्मू-कश्मीर में बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान पूरी तरह से लागू हो रहा है। आज पहली बार जम्मू-कश्मीर में संविधान दिवस मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ये भारतीय संविधान का 75वां वर्ष है। ये देश के लिए बहुत गर्व की बात है। मैं संविधान और संविधान सभा के सभी सदस्यों को नमन करता हूं। हम यह नहीं भूल सकते कि आज मुंबई में हुए आतंकी हमले की भी बरसी है।
पीएम ने कहा- जिन लोगों ने इस हमले में अपनी जान गंवाई। मैं उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मैं देश के संकल्प को भी दोहराना चाहता हूं कि भारत की सुरक्षा को चुनौती देने वाले सभी आतंकवादी संगठनों को करारा जवाब मिलेगा।
वहीं कार्यक्रम में CJI संजीव खन्ना ने कहा- जज का रोल अक्सर तलवार की धार पर चलने जैसा होता है। ज्यूडिशियरी का रोल सीधे लोकतंत्र से जुड़ा है। ये संविधान के निर्धारित दिशा-निर्देशों के कारण ही संभव हो पाया है। हमारा संविधान जीवित दस्तावेज है।
सीजेआई बोले- जज का रोल तलवार की धार पर चलने जैसा
कार्यक्रम में CJI संजीव खन्ना ने कहा- ज्यूडिशियरी का रोल सीधे लोकतंत्र से जुड़ा है। ये संविधान के निर्धारित दिशा-निर्देशों के कारण ही संभव हो पाया है। हमारा संविधान जीवित दस्तावेज है।
उन्होंने कहा कि जज का रोल अक्सर तलवार की धार पर चलने के जैसा होता है। हर एक फैसले में बराबरी के अधिकारों-जिम्मेदारियों के संतुलन की आवश्यकता होती है। लेकिन ये ऐसा खेल होना चाहिए जिसमें किसी को किसी एक साभ और दूसरे की हानि नहीं होनी चाहिए। क्योंकि इसी के कारण अदालतों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होते हैं।
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