मणिपुर में तीन दिनों से हिंसा जारी, 8 की मौत
18 गंभीर रूप से घायल, चूराचांदपुर में बंद का ऐलान; आर्मी तैनात
पूनम की रिपोर्ट मणिपुर एक बार फिर सुलग उठा है। चूराचांदपुर और बिष्णुपुर जिलों के बॉर्डर बफर जोन में 29 अगस्त से शुरू हुई हिंसा अब भी जारी है। तीन दिनों में आठ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 18 लोग गंभीर रूप से घायल हैं।
खोइरनटक, चिंगपेई, खोशुबंग और नारायनसेना में मैतेई और कुकी हमलावरों के बीच गुरुवार को मोर्टार हमलों और फायरिंग से पांच लोगों की मौत हो गई। मृतकों में मणिपुर के चर्चित कुकी गायक मंगबोई लुंगडिम भी हैं, जिन्होंने मई में हिंसा भड़कने के बाद ‘आई गम हिलौ हैम’ (क्या यह हमारी भूमि नहीं) गीत लिखा और गाया था।
वहीं, आदिवासी संगठन आईटीएलएफ ने चूराचांदपुर में बंद का ऐलान किया है। हिंसाग्रस्त चूराचांदपुर और बिष्णुपुर में आर्मी को तैनात किया गया है। अभी यहां के बफर जोन में सीआरपीएफ और असम राइफल्स तैनात थी। आर्मी का कहना है कि हिंसाग्रस्त इलाकों में महिला संगठन उन्हें आगे जाने नहीं दे रही हैं।मणिपुर के बिष्णुपुर-चुराचांदपुर सीमा पर 29 अगस्त को दो गुटों में गोलीबारी हुई थी। इसमें ग्राम रक्षा दल के दो वॉलंटियर्स की मौत हो गई थी। वहीं, 7 लोग घायल हुए थे। नारानसीना में हमलावरों ने खेतों में काम कर रहे किसानों पर गोलाबारी की थी। इसके जवाब में वॉलंटियर्स ने भी फायरिंग शुरू कर दी थी।
मृतकों की पहचान लाइबुजम इनाओ और जांगमिनलेन गंगेट के रूप में हुई। लाइबुजम को बिष्णुपुर के नारानसीना में गोली लग गई थी। उसे इंफाल के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं, जांगमिनलेन चुराचांदपुर के सोंगदो गांव में झड़प के दौरान घायल हो गया था।
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