2 अदालतों ने इमरान पर शिकंजा कसा
इस्लामाबाद HC ने कहा- बचना है तो सरेंडर करो; निचली अदालत का अरेस्ट वॉरंट रद्द करने से इनकार
पूनम की रिपोर्ट इंदौर : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर अदालतों ने दबाव बढ़ा दिया। गुरुवार को खान को दो बड़े झटके लगे। पहला- इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने ऑर्डर दिए कि अगर खान को पुलिस के हाथों से गिरफ्तार होने से बचना है तो वो कोर्ट में सरेंडर कर दें। दूसरा- इस्लामाबाद के ही सेशन कोर्ट ने कहा- तोशाखाना मामला बेहद गंभीर है। इमरान के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट बिल्कुल रद्द नहीं किया जा सकता।इस्लामाबाद हाईकोर्ट में खान की गिरफ्तारी वारंट रद्द करने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। जज ने कहा- पुलिस हाथ पर हाथ रखकर बैठी नहीं रह सकती। उन्हें गिरफ्तारी के ऑर्डर दिए गए थे। खान को अदालत में पेश किया जाना था, उनके खिलाफ नॉन-बेलेबल वॉरेंट जारी किया गया था।
इस पर खान के वकील ख्वाजा हारिस अहमद ने कहा- क्या कोर्ट में पेश होने के लिए खान को गिरफ्तार करना जरूरी है। इसके जवाब में जज ने कहा- हम चाहते हैं कि इमरान कोर्ट में पेश हों। अगर वो गिरफ्तारी से बचना चाहते हैं तो कोर्ट आकर सरेंडर कर दें।
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दरअसल, इमरान खान को तोशाखाना केस में गिरफ्तार किया जाना है। इसके लिए पुलिस 13 मार्च को लाहौर के जमान पार्क में उनके घर गिरफ्तारी के लिए पहुंच गई थी। लेकिन इमरान के समर्थकों और पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद 15 मार्च को पुलिस उन्हें बिना गिरफ्तार किए वापस चली गई।
इमरान पर सरकारी खजाने (तोशाखाना) के बेशकीमती गिफ्ट्स कौड़ियों के दाम खरीदकर उन्हें अरबों रुपए में बेचने का आरोप है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें 29 मार्च तक अरेस्ट करके अदालत में पेश करने का ऑर्डर जारी किया था। इमरान ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कहा था कि उनके पास 18 मार्च तक प्रोटेक्टिव बेल है। लेकिन जब पुलिस उन्हें अरेस्ट करने घर पहुंच गई तो 15 मार्च को उन्होंने हाईकोर्ट में गिरफ्तारी वारंट रद्द करने के लिए याचिका दायर कर दी।