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किसान आंदोलन की समाप्ति

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान लगभग एक साल से ज्यादा दिनों से आंदोलन कर रहे है

किसान आंदोलन की समाप्ति

ज्योति कुमारी की रिपोर्ट दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान लगभग एक साल से ज्यादा दिनों से आंदोलन कर रहे है। नवम्बर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। उसके बाद संसद में भी कानूनों के वापसी का बिल पारित किया गया। लेकिन इन सब के बाद भी किसान आंदोलन को समाप्त नही किया गया था। किसानों की मांग थी की सरकार की ओर से MSP, बिजली बिल , आंदोलन के दौरान मृतक किसान के परिवारजनों को सहायता और आंदोलन के दौरान किसानों पर की गई एफआईआर के मुद्दे सहित कई अन्य मांगों पर सहमति दी जाए।

हालांकि किसान मोर्चा ने साफ किया कि आंदोलन को खत्म नहीं किया जा रहा है, इसे अभी स्थगित किया गया है। 15 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की फिर से दिल्ली में बैठक होगी जिसमें समीक्षा की जायेगी अगर सरकार अपने वादे से हटती है तो आंदोलन को फिर शुरू करने का फैसला लिया जा सकता है।

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आपको बता दे की प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेने के ऐलान के बाद किसानों ने सरकार को अपनी 6 मांगों के साथ एक चिट्ठी लिखी थी। 7 दिसंबर को सरकार की ओर से एक प्रस्ताव आया था जिसमे भी कुछ बिंदुओं पर सहमति नही बानी थी। जिसके बाद फिर एक प्रस्ताव आया जिसके बाद किसानों ने आंदोलन को स्थगित करने का फैसला लिया है। 

दिल्ली की सीमाओं पर भी किसानों ने भी वापसी की तैयारी शुरू कर दी है। किसानों ने बॉर्डर पर बनाए अपने टेंटों को समेटना शुरू कर दिया है। दिल्ली से लगे बॉर्डरों पर पिछले एक साल से आंदोलन कर रहे किसान अब लौट रहे हैं।

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