चक्रवाती तूफ़ान जवाद को लेकर तैयारी
ज्योति कुमारी की रिपोर्ट दिल्ली: देश के पूर्वी तट पर एक बार फिर से चक्रवाती तूफान का खतरा मंडरा रहा है। आंध्र प्रदेश और भुवनेश्वर में चक्रवाती तूफान जवाद नुक़सान कर सकता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार चक्रवाती तूफान जवाद बंगाल की पश्चिम-मध्य खाड़ी में विशाखापत्तनम से लगभग 230 किमी दक्षिण पूर्व, गोपालपुर से 340 किमी दक्षिण, पुरी से 410 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और पारादीप से 490 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित है।
मॉनसून के लौटने के बाद यह पहली बार चक्रवाती तूफान आ रहा है। चक्रवाती तूफान जवाद के ओडिशा-आंध्र प्रदेश तट की ओर बढ़ने और ओडिशा के पुरी जिले में इसके पहुंचने से पहले राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अपनी 64 टीम तैयार रखी है। पुलिस अधीक्षक पुरी कंवर विशाल सिंह ने कहा कि सबकी सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। प्रशासन द्वारा ज़रूरतमंदों के लिए शेल्टर की व्यवस्था की जा रही है। तुफान को देखते हुए समुद्र तट पर किसी को जाने की अनुमति नहीं है साथ ही तट पर जो पर्यटक थे उन्हें भी वहाँ हटा दिया गया है।
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चक्रवात जवाद के मद्देनजर आंध्र प्रदेश के तीन ज़िलों विशाखापत्तनम, विजयनगरम और श्रीकाकुलम में 11 NDRF, 5 SDRF, 6 तटरक्षक बल, 10 समुद्री पुलिस दल तैनात किए गए हैं। अभी तक इन ज़िलों के निचले इलाकों से 54,008 लोगों को निकाला गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के बताये गये चक्रवात के संभावित मार्ग के अनुसार यह पुरी तट पर भी पहुँच सकता है ।
IMD महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने न्यूज़ एजेंसी ANI को बताया कि जवाद अभी पुरी से 400 किमी दूर है। उड़ीसा पहुंचने पर इसकी गति 50 किमी प्रति घंटा होगी। चक्रवात जवाद के प्रभाव से उत्तर आंध्र प्रदेश और कोस्टल ओडिशा के तटीय इलाकों में बारिश हो रही है। आज से भारी बारिश होने की संभावना है। बंगाल में भी बारिश होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस स्थिति से निपटने की तैयारियों की गुरुवार को समीक्षा की थी। उन्होंने अधिकारियों से हरसंभव उपाय करने का निर्देश दिया था ताकि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचा सके।