राज्य सरकार ने सभी 227 संबद्ध डिग्री कालेजों में वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता (Financial discipline and transparency) लाने का प्रयास तेज कर दिया है। शिक्षा विभाग ने आदेश दिया है कि हर कालेज प्रबंधन अपना वेबसाइट (Website of College) तैयार करें और उस पर शिक्षकों एवं कर्मियों के वेतन भुगतान की राशि को अपलोड करें। विभाग ने यह हिदायत भी दी है कि जो प्रबंधन अपने कालेज की वेबसाइट पर अपडेट नहीं रखेंगे उनके अनुदान भुगतान (Payment of grant) पर विचार नहीं किया जाएगा। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के मुताबिक सरकार के आदेश का पालन करना कालेज प्रबंधन की जवाबदेही होगी। वेबसाइट पर यह अपलोड करना होगा कि किस शिक्षक या शिक्षकेत्तर कर्मचारी को वेतन मद में हर माह कितनी राशि दी गई? इसकी मानीटरिंग विश्वविद्यालय करेगा।
इस माह के अंत तक हर हाल में बनवा लें वेबसाइट
मंत्री ने कहा कि इस माह के अंत तक हर संबद्ध डिग्री कालेज अपना-अपना वेबसाइट निश्चित रूप से बना लें और वेतनादि वितरण की स्पष्ट विवरणी उस पर अपलोड करें। सरकार द्वारा दी गई अनुदान राशि में कालेज के आंतरिक आय का 70 फीसद हिस्सा मिला कर शिक्षकों व कर्मियों के वेतन मद पर खर्च करना अनिवार्य है। इसके बारे में घोषणा पत्र कालेज को प्राचार्य, सचिव एवं अध्यक्ष के हस्ताक्षर से देने होंगे। अनुदान राशि मिलने के एक माह के अंदर उपयोगिता प्रमाण पत्र देने होंगे। उसके बाद ही आगे की राशि विमुक्त होने पर विचार होगा। डिग्री कालेजों के प्रबंधन द्वारा अनुदानित राशि का अंकेक्षण पंजीकृत अंकेक्षक या चाटर्ड एकाउंटेट से अनिवार्य रूप से कराना अनिवार्य होगा। अंकेक्षक प्रतिवेदन के साथ कालेज को घोषणा पत्र भी संलग्न करना होगा।