टोक्यो पैरालंपिक: स्वर्ण पदक जीतने के बाद सुमित ने घरवालों को किया वीडियो कॉल, कहा- ‘मां गाड़ दिया ना लठ’
सोनीपत के गांव खेवड़ा के लाडले सुमित आंतिल ने विश्व रिकॉर्ड के साथ देश को स्वर्ण पदक दिलाने के बाद अपनी बहन के मोबाइल पर वीडियो कॉल की। पहले कॉल में वह किसी से बात नहीं कर सके, हालांकि दोबारा से की कॉल में सुमित ने अपनी मां से कहा कि मां गाड़ दिया ना लठ। उसके बाद उसका फोन फिर से कट गया।
![Tokyo Paralympics: After winning the gold medal, Sumit made a video call to the family members, saying- 'Ma gaad diya na lath'](https://asianewsindia.com/wp-content/uploads/2021/08/db4d9b40046b4937ec6a8e7d4c55781f0b638ae94d5e3be2e32ebaa1a960b327.jpg)
सोनीपत के गांव खेवड़ा के लाडले सुमित आंतिल ने विश्व रिकॉर्ड के साथ देश को स्वर्ण पदक दिलाने के बाद अपनी बहन के मोबाइल पर वीडियो कॉल की। पहले कॉल में वह किसी से बात नहीं कर सके, हालांकि दोबारा से की कॉल में सुमित ने अपनी मां से कहा कि मां गाड़ दिया ना लठ। उसके बाद उसका फोन फिर से कट गया।
सोमवार को स्वर्ण जीतने के बाद सुमित ने देर शाम अपनी बहन किरण के मोबाइल पर वीडियो कॉल की। बहन के कॉल रिसीव करते ही वह कुछ बोल नहीं सका। उसने अपना पदक अपनी बहन को दिखाया। बहन की आंखों में खुशी के आंसू थे। जिस पर मां निर्मला ने फोन ले लिया तो वह भी कोई बात नहीं कर सकीं। इस पर चाची के हाथ में फोन आ गया।
इसके बाद कॉल कट गई। उसके कुछ देर बाद सुमित ने दोबारा से वीडियो कॉल की और अपनी मां निर्मला को इतना ही कहा कि मां गाड़ दिया ना लठ। उसके बाद मां की आंखों से खुशी के आंसू निकल पड़े। खुशी को परिवार के सदस्य रोक नहीं पा रहे थे। इसके बाद फिर से कॉल कट गई। सुमित की बहन ने बताया कि भाई की भगवान की पूजा में गहरी आस्था है। यही कारण है कि वह गले में ओम का लॉकेट पहनते हैं।
सब्जी-रोटी खिलाकर करूंगी बेटे का स्वागत
मां निर्मला से पूछा गया कि बेटे को क्या खिलाकर स्वागत करेंगी तो बस इतना ही बोल सकीं कि बेटे को मेरे हाथ की बनी सब्जी-रोटी सबसे अधिक पसंद है। वह बेटे को सब्जी-रोटी खिलाकर ही उसका स्वागत करेंगी।
सीमा के बाद सुमित ने विश्व पटल पर चमकाया खेवड़ा का नाम
गांव खेवड़ा के लाडले सुमित आंतिल ने पहले ही पैरालंपिक में विश्व रिकॉर्ड के साथ देश की झोली में स्वर्ण पदक डाल दिया है। हालांकि सुमित से पहले गांव की बेटी सीमा आंतिल अपने गांव का नाम विश्व पटल पर चमका चुकी हैं।
सीमा चार ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी है, हालांकि वह देश के लिए पदक नहीं ला सकी थीं लेकिन गांव के बेटे सुमित ने पहले ही पैरालंपिक में देश की झोली में सोने का तमगा डाल दिया है, जिससे हर ग्रामीण खुशी से झूम उठा।
राष्ट्रमंडल खेलों की रिकॉर्डधारी सीमा चार ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। सीमा वर्ष 2004, 2012, 2016 व टोक्यो ओलंपिक में भाग ले चुकी हैं। अब गांव के लाडले सुमित आंतिल ने सीमा की तरह गांव का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिख दिया है।