73 वें गणतंत्र दिवस पर BSF के 2 जवान वीरता के लिए पुलिस मेडल से सम्मानित
इनमें कांस्टेबल सुंदर सिंह, 44 वीं वाहिनी तथा कांस्टेबल आनंद ओरान, 153 वीं वाहिनी को 73 वें गणतंत्र दिवस परप्रतिष्ठित सेवाओं में वीरता के लिए पुलिस पदक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
तीर्थंकर मुखर्जी, कोलकाता – गणतंत्र दिवस के अवसर पर दक्षिण बंगाल फ्रंटियर, सीमा सुरक्षा के 2 जवानों को राष्ट्रकी सेवाओं मे अपने उत्कृष्ठ योगदान हेतु सम्मानित किया गया है। इनमें कांस्टेबल सुंदर सिंह, 44 वीं वाहिनी तथाकांस्टेबल आनंद ओरान, 153 वीं वाहिनी को 73 वें गणतंत्र दिवस पर प्रतिष्ठित सेवाओं में वीरता के लिए पुलिस पदकपुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
कांस्टेबल सुंदर सिंह वर्ष 2001 में बीएसएफ में सीमा प्रहरी(कांस्टेबल) के रूप में शामिल हुए। सीमा प्रहरी ने बीएसएफ मेंअपने कर्तव्य का निर्वहन करने के लिए विभिन्न जगहों पर अपना उत्कृष्ठ प्रदर्शन किया है, जिसमें जवान ने दिनांक 29 जनवरी, 2021 को पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के बोर्डर पर 05–06 तस्करों के खिलाफ लड़ाई में अपने जीवन कीपरवाह किए बिना अकेले ही भिड़ गया आखिरकार तस्करों को जवान की बहादुरी के आगे अपने कदम पीछे लेने पड़े। इसलड़ाई में जवान सुंदर सिंह को सिर में गंभीर चोट आई बावजूद इसके सुंदर सिंह ने एक तस्कर को अपनी गिरफ्त में लेलिया। जबकि जवान के जोश को देखते हुए बाकी तस्कर भाग निकले।
दूसरी ओर सीमा प्रहरी (कांस्टेबल) आनंद ओरान ने 2013 में सीमा सुरक्षा बल में शामिल हुआ था सीमा प्रहरी आनंद ओरान को 2019 में पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में उनके विशिष्ट वीरतापूर्ण कार्य औरसाहस के लिए पुलिस वीरता पदक से अलंकृत किया गया है। आनंद ओरान ने 20 अगस्त, 2019 को रात्रि ड्यूटी केदौरान लगभग 0145 बजे भारत–बांग्लादेश सीमा पर 20–25 तस्करों के झुंड से अकेले लोहा लिया।
तस्कर धारदारहथियार से लैस थे, जवान आनंद ओरान ने न सिर्फ तस्करों के मंसूबों को नाकाम किया बल्कि 10 मवेशियों को भी तस्करोंके चंगुल से भी बचाया। हालांकि इस मुठभेड़ में आनंद ओरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, लेकिन जवान ने घायलअवस्था में भी एक बांग्लादेशी तस्कर को दबोच कर यह साबित कर दिया की देश के लिए वह पूर्णतया समर्पित है।
अनुराग गर्ग, आईपीएस, महानिरीक्षक, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने दोनों जवानों को बधाई देते हुए बताया कि कांस्टेबलआनंद ओरान और कांस्टेबल सुंदर सिंह द्वारा तस्करों के विरूद्ध किए गए साहसिक मुठभेड़ और कर्तव्य के प्रति प्रदर्शितसमर्पण की भावना को सरहाते हुए उन्हे भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठित वीरता हेतु पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है।