उद्धव ठाकरे बोले- फसल ले गए, लेकिन खेत हमारे पास
शिवसेना के 75वें स्थापना दिवस पर शिंदे पर बरसे,कहा- पार्टी चुराई, लोगों के दिल नहीं
प्रिया कि रिपोर्ट उद्धव ठाकरे ने कहा कि कुछ लोगों ने शिवसेना का नाम चुराया, पार्टी का चिन्ह चुराया, बाप चुराने की कोशिश की, लेकिन आज भी उद्धव ठाकरे का नाम लेना पड़ता है। वो लोग बाला साहेब ठाकरे की फोटो चुरा सकते हैं, लेकिन लोगों के दिल नहीं।
शिवसेना के 75वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित हुए ठाकरे ने कहा- ये भीड़ पैसे देकर नहीं आई है, यह 57 साल की तपस्या है। बीजेपी ने प्रचार पर जितना पैसा खर्च किया, उतना किसानों को देते तो उनके दिन बदल जाते। वो फसल ले गए, लेकिन खेत हमारे पास है ।शिंदे गुट और उद्धव गुट दोनों ही दावा करते रहे हैं कि वे ही बाल ठाकरे की राजनीतिक विचारधारा के असली उत्तराधिकारी हैं। दोनों गुट अगले साल के लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के साथ-साथ लंबे मुंबई में BMC चुनाव की तैयारी में लगे हैं।पिछले साल जून में शिंदे और पार्टी के 39 अन्य विधायकों ने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी। शिवसेना के दो हिस्से हो गए थे। इसके बाद शिवसेना, NCP और कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी गठबंधन सरकार गिर गई।
शिंदे ने इसके बाद भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली। चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम एवं निशान ‘तीर-धनुष’ शिंदे गुट को दिया। ठाकरे गुट का नाम शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) रखा गया था। बाद में ये विवाद सुप्रीम कोर्ट तक गया। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि शिंदे सरकार बनी रहेगी।
पिछले साल पार्टी के टूटने के बाद यह शिवसेना का पहला स्थापना दिवस था, जो दो जगहों पर मनाया गया।
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