बुंदेली मेस्ट्रो में अदाकारी के नए शहज़ादे की तलाश हुई पूरी, निखिल वर्मा के नाम हुआ खिताब
भारत एक ऐसा देश है, जो कला और संस्कृति के बेश-कीमती भंडारण से फलीभूत है। इसका परचम पूरी दुनिया में सदियों से लहराता आ रहा है
बुंदेली मेस्ट्रो में अदाकारी के नए शहज़ादे की तलाश हुई पूरी, निखिल वर्मा के नाम हुआ खिताब
इंदौर, 1 सितम्बर 2021: कला किसी पहचान की मोहताज़ नहीं होती, कला जहाँ स्थान पाती है, वहीं अपनी पहचान बना लेती हैI भारत एक ऐसा देश है, जो कला और संस्कृति के बेश-कीमती भंडारण से फलीभूत है। इसका परचम पूरी दुनिया में सदियों से लहराता आ रहा है। बुंदेलखंड क्षेत्र के ऐसे ही हुनरमंद, काबिल और प्रतिभावान कलाकारों को अपनी कला में रंग भरने के उद्देश्य से प्रभावशाली मंच उपलब्ध करा रहे, क्षेत्र के लोकप्रिय डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘ट्रूपल बुंदेलखंड’ की अदाकारी के शहज़ादे की तलाश आखिरकार पूरी हो चुकी है। देश के पहले बुंदेली मेस्ट्रो के रूप में निखिल वर्मा निखरकर सामने आए हैं, जो कि वास्तव में उम्दा कलाकार हैं।
इस विषय पर इंडस्ट्री के जाने-माने एक्टर, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर, राजा बुंदेला जी कहते हैं, “ट्रूपल बुंदेलखंड द्वारा संचालित की जाने वाली सभी प्रतियोगिताएं प्रत्यक्ष तौर पर बुंदेलखंड को देश में प्रमुख स्थान दिलाने का अद्भुत माध्यम है। इस प्रकार के सभी शोज़ बेहद सराहनीय हैं, जो क्षेत्र की प्रतिभाओं को तराशने का ज़रिया हैं।
फाइनल चरण में शुरू से अंत तक जुड़े रहें भारतीय फिल्म डायरेक्टर, राम बुंदेला जी कहते हैं, “सभी प्रतिभागी काफी प्रतिभाशाली हैं, जिन्हें ट्रूपल बुंदेलखंड ने तराशकर बुंदेली मेस्ट्रो की इस प्रतियोगिता में प्रमुख स्थान दिया है। सभी कलाकारों का भविष्य उज्जवल है। जो पीछे रह गए हैं, वे इस बात से खुद को सकारात्मक रखें कि उनके पास स्वयं को साबित करने के कई मौके हैं।”
अव्वल स्थान प्राप्त करने पर देश के पहले बुंदेली मेस्ट्रो, निखिल वर्मा कहते हैं, “ट्रूपल बुंदेलखंड एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो क्षेत्र की प्रतिभाओं को दुनिया के सामने लाने का सटीक माध्यम है। मैं सभी जजेस तथा ऑडियंस को धन्यवाद देना चाहता हूँ, कि मेरी प्रतिभा को उन्होंने नई पहचान दी है।
ट्रूपल बुंदेलखंड के को-फाउंडर, अतुल मलिकराम कहते हैं, “कला किसी पहचान की मोहताज़ नहीं होती, कला जहाँ स्थान पाती है, वहीं अपनी पहचान बना लेती है। टॉप 3 में आने वाले सभी फाइनलिस्ट्स मेरी नज़र में विजेता हैं। लेकिन चूँकि प्रतिस्पर्धा के अपने नियम होते हैं, इसलिए अव्वल स्थान प्राप्त, भविष्य के कलाकार निखिल को देश के पहले बुंदेली मेस्ट्रो की उपाधि प्राप्त हुई है। खजुराहो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में निखिल को विशेष स्थान दिया जाएगा, जिससे कि वे मुंबई के मंझे हुए कलाकारों से नया हुनर सीख सके।
15 जुलाई से शुरू हुई क्षेत्र की पहली ऑनलाइन अभिनय प्रतियोगिता ‘बुंदेली मेस्ट्रो’ कई पड़ाव पार करती हुई 31 अगस्त को फाइनल में पहुँची, जिसे दो राउंड में पूरा किया गया। टॉप 5 फाइनलिस्ट्स की इस दौड़ के पहले राउंड में शो के जज, रितेश रघुवंशी द्वारा कॉमेडी, इमोशन और एंगर के कॉम्बिनेशन के साथ एक्टिंग का टास्क दिया गया था। इसके अंतर्गत बेहतर प्रदर्शन करने वाले टॉप 3 प्रतियोगियों में निखिल वर्मा, रश्मि रानी और विरीति कुमारी ने अपना स्थान बनाया। दूसरे राउंड में श्री राम बुंदेला, श्रीमती सुष्मिता मुखर्जी और श्री गुलशन पांडे द्वारा दिए गए सरप्राइज़ टास्क को पार करते हुए मात्र कुछ मिनट की तैयारी के साथ तीनों ही कलाकारों ने अद्भुत प्रदर्शन दिए। सबसे अच्छे प्रदर्शन के साथ निखिल ने पहला, रश्मि ने दूसरा तथा विरीति ने तीसरा स्थान हासिल किया और इस प्रकार देश के पहले बुंदेली मेस्ट्रो का खिताब निखिल के नाम हुआ। साथ ही, भारतीय फिल्म एक्टर, गुलशन पांडे जी और राम बुंदेला जी ने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने के लिए सभी प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया।
पीआर 24×7, हेल्थ 24×7, भड़ास कैफे तथा बीएसीसीपीए (बुंदेलखंड एकेडमी ऑफ सिनेमा कल्चर एंड परफॉर्मिंग आर्ट्स) के सहयोग से संचालित यह प्रतियोगिता कई चरणों को पार करती हुई फाइनल तक पहुँची, जिसके अंतर्गत 6 ऑडिशंस, 2 क्वार्टर फाइनल्स, 1 वाइल्ड कार्ड, 1 सेमी-फाइनल और फाइनल चरण शामिल थे। शुरू से आखिरी तक शो को एक डोर से बांधकर रखने वाले जज, रितेश रघुवंशी; देश की पहली बुंदेली शेफ प्रतियोगिता में रनरअप और पूरे शो के दौरान बुंदेली भाषा को प्रखर रखने वाली को-होस्ट, सोनल जैन; होस्ट, ऐश्वर्या फेंडर सहित समस्त ट्रूपल टीम ने शो में अहम् किरदार निभाने के साथ ही इसे सार्थक बनाने में बखूबी सहयोग दिया। ट्रूपल बुंदेलखंड भारत तथा बुंदेलखंड की तमाम प्रतिभाओं तथा हुनर को सलाम करता है और साथ ही सभी प्रतिभागियों के उज्जवल भविष्य की कामना करता है।