राज्यपाल महोदय ने नाबार्ड के 42वां स्थापना दिवस पर आड्रे हाउस में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया
उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा किसानों की आय में वृद्धि हेतु कई उल्लेखनीय पहल कि गयी हैं।
पूनम की रिपोर्ट माननीय राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा कि नाबार्ड द्वारा स्वयं सहायता समूहों को सहयोग करने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने जैसी पहलों से न केवल आजीविका में सुधार हुआ है बल्कि सामाजिक परिवर्तन भी हुआ है। उन्होंने कहा कि विगत दिनों सड़क मार्ग से राज्य के सभी 24 जिलों के भ्रमण के क्रम में उनके द्वारा ग्रामीणों से संवाद किया गया, वहाँ कार्यक्रम में उपस्थित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बताया गया कि स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के उपरांत उनकी आर्थिक-सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है। इसलिए, नाबार्ड को ऐसी महिलाओं की सहायता के लिए और अधिक सक्रिय व समर्पित रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जब वे सांसद थे तो उनके द्वारा कई सड़कों/पुलों का निर्माण नाबार्ड के सहयोग से करवाया गया, जिससे गाँव का संपर्क शहर से आसान हो गया जिसके परिणामस्वरूप वहाँ के गांवों का विकास तेजी से हुआ। राज्यपाल महोदय आज नाबार्ड के 42वां स्थापना दिवस पर आड्रे हाउस में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
माननीय राज्यपाल ने कहा कि रोजगार व आजीविका की दिशा में नाबार्ड को कौशल विकास प्रशिक्षण एवं उद्यमिता विकास कार्यक्रमों जैसी विभिन्न पहलों पर भी ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि झारखंड समृद्ध संस्कृति वाला प्रदेश है तथा यहाँ के लोगों को विभिन्न क्षेत्रों कला और शिल्प की जानकारी है। इनकी शिल्प कला को समुन्नत करने एवं बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में नाबार्ड को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विगत कई वर्षों से, नाबार्ड हमारे देश भर में किसानों, ग्रामीण उद्यमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। हर्ष का विषय है कि नाबार्ड ने सतत एवं नवोन्मेषी कृषि को बढ़ावा दिया है, किसानों को जलवायु के अनुकूल कृषि के साथ-साथ जल संरक्षण को के लिए प्रोत्साहित किया है। उन्होंने राज्य में सिंचाई की समस्या का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों के दौरे के क्रम में लोगों ने संवाद के दौरान मुझे कृषि कार्य हेतु सिंचाई की समस्या से अवगत कराया। पलामू और गढ़वा जिले जैसे इलाके में यह समस्या और अधिक गंभीर बताई गई। कृषि कार्य के लिए सिंचाई व्यवस्था का होना नितांत आवश्यक है। इस दिशा में सरकार की कई योजनाएं हैं। लेकिन इस समस्या के समाधान के लिए नाबार्ड जैसी प्रसिद्ध संस्था को भी वृहत पैमाने पर कदम उठाना चाहिए।
राज्यपाल महोदय ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा किसानों की आय में वृद्धि हेतु कई उल्लेखनीय पहल किये गये हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को इंटरनेशनल मिलेट ईयर घोषित किया गया है। किसानों को सशक्त बनाने में मोटा अनाज एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होने के कारण यह खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करता है। इस परिप्रेक्ष्य में नाबार्ड हमारे किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए प्रोत्साहित करें।
राज्यपाल महोदय ने संबोधित करते हुए कहा कि आजकल देखा जा रहा है कि बाजार में टमाटर के मूल्य बढ़ गए हैं, इसी प्रकार कभी-कभी प्याज के मूल्यों भी वृद्धि देखी जाती है, जबकि किसानों को विशेष लाभ नहीं हो पाता है। इस दिशा में उन्होंने नाबार्ड को ग्रामीण क्षेत्रों में कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं स्थापित करने की दिशा में सक्रिय पहल करने हेतु कहा।
राज्यपाल महोदय ने नाबार्ड द्वारा लगाये गए विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया।
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