सुप्रीम कोर्ट बोला-स्टूडेंट्स के सुसाइड के लिए पेरेंट्स जिम्मेदार
वे बच्चों पर दबाव डालते हैं, हम कोचिंग इंस्टीट्यूट को निर्देश नहीं दे सकते
पूनम की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि देश में स्टूडेंट्स की सुसाइड के बढ़ते मामलों के पीछे सबसे बड़ा कारण है पेरेंट्स की तरफ से बच्चों पर दबाव। इसके अलावा बेहद कॉम्पिटिशन भी स्टूडेंट्स की सुसाइड की एक बड़ी वजह है।देश में तेजी से फैलते कोचिंग सेंटरों के रेगुलराइज करने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान सोमवार को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने कोचिंग सेंटरों को निर्देश जारी करने से इनकार कर दिया।ये याचिका मुंबई के डॉ. अनिरुद्ध नारायण मालपानी ने लगाई। डॉ. मालपानी की ओर से एडवोकेट मोहनी प्रिया ने कोर्ट में दलीलें दी।
डॉ. मालपानी ने अपनी याचिका में कहा कि देशभर में लाभ के भूखे प्राइवेट कोचिंग इंस्टिट्यूट्स तेजी से बढ़ रहे हैं। इनको रेगुलराइज करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश की जरूरत है। ये कोचिंग इंस्टिट्यूट्स इंजीनियरिंग के IIT-JEE (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी), मेडिकल के NEET (नेशनल एलिजबिलटी कम इंट्रेंस टेस्ट) और अन्य कॉम्पिटिशन परीक्षाओं की तैयारी करवाते हैं।याचिका में कहा गया था कि 14 साल के बच्चे घर से दूर कोचिंग फैक्ट्रियों में दाखिले ले रहे हैं। यहां मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए कड़ी तैयारियां कराई जाती हैं। बच्चे मानसिक रूप से तैयार नहीं होते हैं। ये अनुच्छेद 21 में दिए गए गरिमामय जीवन जीने के हक के भी खिलाफ है।
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