HeadlinesInternationalWorld
Trending

शहबाज सरकार की हो गई बेइज्जती! इंडोनेशिया के राष्ट्रपति पर भड़के पाकिस्तानी; बोले ‘भारत ने बदला लिया’

भारत के बाद सुबियांतो को पाकिस्तान जाना था लेकिन वो नहीं गए। अब इस मामले को लेकर पाकस्तानी भड़के हुए हैं।

शहबाज सरकार की हो गई बेइज्जती! इंडोनेशिया के राष्ट्रपति पर भड़के पाकिस्तानी; बोले ‘भारत ने बदला लिया’
भारत के बाद सुबियांतो को पाकिस्तान जाना था लेकिन वो नहीं गए। अब इस मामले को लेकर पाकस्तानी भड़के हुए हैं।
पूनम की रिपोर्ट इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्राबोवो सुबियांतो भारत के 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि रूप में शामिल हुए। प्रोबोवो इंडोनेशिया के चौथे राष्ट्रपति हैं, जो भारत के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आए हैं। भारत के पहले गणतंत्र दिवस पर भी इंडोनेशिया के राष्ट्रपति मुख्य अतिथि थे, ऐसे में प्रबोवो का यह दौरा खास बन गया है। हालांकि, एक और वजह से भी उनके इस दौरे की चर्चा पाकिस्तान तक में हो रही है। वजह भी पाकिस्तान से ही जुड़ी है। चलिए आपको बताते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है।

स्वागत की तैयारियों में जुटा था पाकिस्तान
भारत के बाद इस तरह की चर्चा भी थी कि प्राबोवो सुबियांतो पाकिस्तान का भी दौरा करेंगे, लेकिन इसे टाल दिया गया। इंडोनेशिया की सरकार ने तय किया कि राष्ट्रपति भारत के बाद पाकिस्तान ना जाकर मलेशिया की यात्रा पर जाएंगे। दूसरी ओर, पाकिस्तान को उम्मीद भी नहीं थी ऐसा भी कुछ हो सकता है। शहबाज सरकार ने राष्ट्रपति प्राबोवो के स्वागत की तैयारी भी शुरू कर दी थी। लेकिन, तैयारियां धरी की धरी रह गईं और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति पाकिस्तान नहीं गए।

पाकिस्तानी दे रहे हैं प्रतिक्रिया
अब इतनी बड़ी बात हो जाए और पाकिस्तानी इसे हजम कर लें, ये भला कैसे हो सकता है। शरीफ सरकार को भारत की यह कूटनीतिक सफलता हजम तो नहीं हुई होगी। हालांकि, पूरे मामले पर पाकिस्तान की ओर से कोई आधिकारिक बयान तो नहीं आया लेकिन पाकिस्तान के विदेशी मामलों के जानकार और आम लोग प्रतिक्रियाएं जरूर दे रहे हैं।

‘भरत ने बदला ले लिया’
पाकिस्तान के एक्सपर्ट का मानना है कि भारत ने दबाव डालकर प्रबोवो को इस्लामाबाद आने से रोका है। पाकिस्तान के राजनीतिक टिप्पणीकार कमर चीमा का कहना है कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो को भारत में 26 जनवरी के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद पाकिस्तान आना था। इंडिया ने इंडोनेशिया पर दबाव बनाया और उनको (प्रबोवो सुबियांतो) इस्लामाबाद आने से रोक दिया। भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने प्रबोवो को रोककर पाकिस्तान से बदला लिया है।

‘कोई भी भारत को नजरअंदाज नहीं कर पा रहा’
कमर चीमा ने कहा, ‘भारत ने कहीं ना कहीं बांग्लादेश का बदला पाकिस्तान से लिया है। बांग्लादेश में बीते कुछ महीनों में जो हुआ है, उससे भारत खुश नहीं है। पाकिस्तान की बांग्लादेश में बढ़ती दखल से भारत परेशान है और इसके बदले में वह दिखाना चाहता है कि हम क्या कर सकते हैं। उन्होंने इंडोनेशियाई प्रेसीडेंट को रोककर यह दिखा दिया है।’ उन्होंने कहा, इसकी वजह अर्थव्यवस्था है। भारत एक बड़ा बाजार है और कोई भी देश उसे नजरअंदाज नहीं कर पा रहा है। पाकिस्तान जब तक खुद को मजबूत आर्थिक ताकत नहीं बनाएगा, उसे इस तरह की चीजों का सामना करना पड़ेगा।
पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक को है उम्मीद
इस मामले पर पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक और भारत में उपउच्चायुक्त रह चुके अब्दुल बासित ने भी प्रतिक्रिया दी है। बासित ने कहा कि भारत ने ठीक नहीं किया है। इंडोनेशिया कोई छोटा देश नहीं है, उसे स्टैंड लेना चाहिए। हालांकि, इंडोनेशिया यह कभी नहीं चाहेगा कि भारत से उसका रिश्ता खराब हो। भारत से उनका ट्रेड है, बीच का रास्ता निकाला जा सकता है। मुमकिन है कि वो कुछ दिन बाद इस्लामाबाद आ जाएं।

भारत ने जानबूझकर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति को बुलाया
पाकिस्तान की यू्ट्यूबर और विदेशी मामलों की जानकार आरजू काजमी ने इस मामले में कहा कि, गणतंत्र दिवस के लिए भारत ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति को ही 26 जनवरी पर बुलाया। जबकि, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने 26 जनवरी को इस्लामाबाद आ रहे इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी थी। उन्होंने सरकार के एक मंत्री एहसन इकबाल की ड्यूटी भी लगा दी थी। आरजू ने आगे कहा कि, नरेंद्र मोदी सरकार को यह तो पता ही होगा कि पाकिस्तान पहले ही इंडोनेशिया के राष्ट्रपति को बुला चुका है। इसके बावजूद मोदी सरकार ने जानबूझकर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति को भारत बुलाया।

भारत ने लालच दिया होगा’
आरजू काजमी ने कहा कि, नरेंद्र मोदी सरकार ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति को ट्रेड का लालच दिया होगा, इसके साथ ही कई और भी अलग-अलग तरह का लालच देकर, बहला-फुसलाकर उन्हें भारत बुला लिया। आरजू काजमी ने आगे कहा कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने भी सोचा होगा कि पाकिस्तान से ज्यादा तो भारत जाने में फायदा है। उन्होंने कहा कि यूं तो इंडोनेशिया के राष्ट्रपति भारत के बाद भी पाकिस्तान जा सकते थे लेकिन भारत ने ऐसा नहीं होने दिया।

खबरे और भी है
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संगम में साधु-संतों संग लगाई डुबकी

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
%d bloggers like this: