दिल्ली हाईकोर्ट बोला- रामदेव कोरोनिल का दावा वापस लें
योग गुरु ने इसे कोविड की दवा बताया था; डॉक्टर्स एसोसिएशन की याचिका पर फैसला
प्रिया की रिपोर्ट दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव को आदेश दिया है कि वे पतंजलि आयुर्वेद की कोरोनिल टैबलेट को कोविड की दवा बताने का दावा 3 दिन के अंदर वापस लें। हाईकोर्ट ने सोमवार (29 जुलाई) को पतंजलि और बाबा रामदेव के खिलाफ डॉक्टरों की कई एसोसिएशन की तरफ से दाखिल याचिका पर यह आदेश दिया।
जस्टिस अनूप भंभानी की बेंच ने कहा कि रामदेव वह टिप्पणी वापस लें, जिसमें उन्होंने कहा है कि कोरोनिल सिर्फ इम्यूनिटी बूस्टर नहीं, बल्कि कोविड-19 ठीक करने की दवा है। बाबा रामदेव और उनके प्रमोटरों को 3 दिनों में इससे जुड़े ट्वीट हटाने होंगे। अगर वे ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो सोशल मीडिया मीडिएटर इन ट्वीट्स को हटा देंगे।बॉम्बे हाईकोर्ट ने 29 जुलाई को पतंजलि आयुर्वेद पर कपूर उत्पाद बेचने पर रोक लगाने वाले अंतरिम आदेश का उल्लंघन करने पर 4.5 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया। 30 अगस्त 2023 को हाईकोर्ट ने पतंजलि को कपूर उत्पाद बेचने से रोका था। एक हलफनामे में पतंजलि ने बिना शर्त माफी मांगी और अदालत के आदेशों का पालन करने की बात कही थी।
अंतरिम आवेदन के जरिए कोर्ट को बताया गया था कि पतंजलि कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहा है। जस्टिस आरआई चागला ने पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ उसके कपूर प्रोडक्ट के संबंध में ट्रेडमार्क उल्लंघन के मुकदमे में मंगलम ऑर्गेनिक्स के दायर अंतरिम आवेदन पर यह आदेश पारित किया है।
मंगलम ऑर्गेनिक्स ने दावा किया था कि पतंजलि ने 24 जून के बाद भी कपूर प्रोडक्ट बेचे। इसने आगे बताया कि 8 जुलाई को पतंजलि की वेबसाइट पर कपूर उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध थे। मंगलम ऑर्गेनिक्स ने कहा कि पतंजलि के पेश हलफनामे में इसकी जानकारी नहीं दी गई थी।
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