महाकाल की सवारी में भगदड़
बैरिकेड्स पार करने के चक्कर में एक-दूसरे पर गिरे लोग, पंडे-पुजारी भी दबे
महाकाल की सवारी में भगदड़
बैरिकेड्स पार करने के चक्कर में एक-दूसरे पर गिरे लोग, पंडे-पुजारी भी दबे
प्रिया की रिपोर्ट एमपी में हाथरस जैसा हादसा हो गया। महाकाल के दर उज्जैन में भगदड़ मच गई, लोग एक दूसरे पर गिरते चले गए, कई पंडे-पुजारी भी दब गए। संयोग वश पुलिस ने तुरंत हालात संभल लिए जिससे कोई हताहत नहीं हुआ। सोमवार को महाकाल की सवारी में यह भगदड़ मची जिसका वीडियो VIDEO भी सामने आया है।काबू में करने के लिए पुलिस ने बैरिकेड्स लगाए थे जिन्हें पार करने के चक्कर में लोग एक-दूसरे पर गिरते चले गए। भगदड़ मचते ही पुलिस ने जमीन पर पड़े लोगों को उठाकर बाहर किया और हल्का बल प्रयोग कर लोगों को खदेड़ा।अधिकारियों के अनुसार डीजे वालों के कारण भगदड़ मची। अब कलेक्टर नीरज सिंह ने कहा कि डीजेवालों पर कार्रवाई की जाएगी।इधर सावन के पहले सोमवार को 5.5 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने महाकाल के दर्शन किए। महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ ने सभी पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। शाम को महाकाल की सवारी Mahakal ki Sawari 2024 निकली जिसमें बाबा महाकाल मन महेश के रूप में नगर भ्रमण पर निकले। इससे पहले पुलिस ने महाकाल को गॉड ऑफ ऑनर दिया।महाकाल की सवारी परंपरागत मार्ग से होती हुई रामघाट पहुंची जहां शिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक किया गया। इसके बाद महाकाल की आरती हुई और फिर सवारी वापस रवाना हो गई। गोपाल मंदिर में हरि और हर का मिलन हुआ। इसके बाद बाबा महाकाल एक बार फिर पालकी में सवार होकर महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे।मंदिर के पुजारी पंडित आशीष गुरु ने बताया कि सावन में महाकाल अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए खुद नगर भ्रमण पर निकलते हैं। महाकाल सवारी का भक्तों ने जोरदार स्वागत किया। भगवान महाकाल पर श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा की, कई स्थानों पर पालकी रोककर आरती उतारी।
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