ओडिशा में कोरोना वायरस संक्रमण से चारों भाइयों की मौत, भरा पूरा परिवार हुआ तबाह
दिल दहलाने वाला वाक्या ओडिशा के गंजाम जिले से सामने आया है। राज्य के हिसाब से देखे तो गंजाम में कोरोना संक्रमण की स्थिति बेहद गंभीर है। इसी बढ़ते संक्रमण की चपेट में महंत साहू के चारों बेटों के परिवार भी आ गए
ओडिशा में कोरोना वायरस संक्रमण से चारों भाइयों की मौत, भरा पूरा परिवार हुआ तबाह
यह दिल दहलाने वाला वाक्या ओडिशा के गंजाम जिले से सामने आया है। राज्य के हिसाब से देखे तो गंजाम में कोरोना संक्रमण की स्थिति बेहद गंभीर है। इसी बढ़ते संक्रमण की चपेट में महंत साहू के चारों बेटों के परिवार भी आ गए।
न्यूज डेस्क भुवनेश्वर: दुनिया के लिए ऐसी जटिल समस्या बन गया है जिसका हल कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। जिंदगियां खत्म हो रही हैं , परिवार तबाह हो रहे हैं लेकिन यह है कि पीछा छोड़ने को तैयार नहीं है। यहां एक ही परिवार के चार लोगों की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हो गई। चारों भाईयों के परिवार को संभालने वाला अब कोई नहीं है। एक—एक कर संक्रमण ने सभी की जान ले ली।
यह दिल दहलाने वाला वाक्या ओडिशा के गंजाम जिले से सामने आया है। राज्य के हिसाब से देखे तो गंजाम में कोरोना संक्रमण की स्थिति बेहद गंभीर है। इसी बढ़ते संक्रमण की चपेट में महंत साहू के चारों बेटों के परिवार भी आ गए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार महंत साहू के चारों बेटे अपने परिवार के साथ गंजाम जिले के बेगूनिआपाड़ा ब्लॉक स्थित अंगारगांव में रहते थे। इनमें सबसे बड़ा भाई 60 वर्षीय धाबालेश्वर और कृष्ण चंद्र साहू (42) दोनों ही अलग-अलग किराने की दुकानें चलाते थे। 48 वर्षीय मांगाराज की दवा की दुकान थी। वहीं बासुदेव (50) के पास दो बसे व एक ट्रैक्टर था। इस तरह चारों भाई अपना-अपना काम कर परिवार का पेट पाल रहे थे। सुकून का जीवन जी रहे थे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। पिछले तीन महीने में चारों भाई एक-एक करके कोरोना संक्रमण की वजह से इस दुनिया को छोड़कर चले गए। इनका एक भाई भिकारी पहले ही लंबी बीमारी की वजह से दो साल पहले जान गंवा चुका था।
अचानक पूरा परिवार तबाह हो गया है इस बात का परिजन विश्वास भी नहीं कर पा रहे हैं। सभी बेसुध हैं। परिवार के सदस्यों ने मीडिया को बताया कि जुलाई माह में कृष्णा चंद्र सबसे पहले कोविड—19 की चपेट में आया था। उसे भुवनेश्वर के कोविड स्पेशल अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसने दम तोड़ दिया। इसके दो दिन बाद ब्रह्मपुर के महाराजा कृष्णा चंद्र गजपति मेडिकल कॉलेज, अस्पताल (MKCG) में मांगाराज की मौत हो गई। जान जाने का सिलसिला यहीं नहीं रुका। इसके दो दिन बाद फिर कोरोना के कारण बासुदेव की जान चली गई।
धाबालेश्वर जो कि अपने तीन भाईयों को खोने के गम से अभी उभरा भी ना था उसे भी कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई दिए। 27 तारीख को उसे लक्षण महसूस हुए। इसके बाद उसने रैपिड एक्शन टेस्ट करवाया। हालांकि टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आई। फिर भी उसे प्रशासन ने MKCG में भर्ती करवा दिया। यहां 30 सितंबर बुधवार को उसकी मौत हो गई। धाबालेश्वर के पुत्र में स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। जहां उनकी जान चली गई। यह केवल एक नहीं बहुत से परिवारों की कहानी है जो देखते—देखते कोविड—19 के संक्रमण के कारण तबाह हो गए।