अमेरिका की बराबरी कर रहा चीन, रक्षा मंत्रालय ने कहा- भारत को भी अपनी सैन्य ताकत बढ़ानी होगी
रक्षा मंत्रालय का साफ मानना है कि चीन दरअसल अमेरिका की बराबरी कर रहा इसके चलते चीन और पाकिस्तान से जिस प्रकार दोहरे मोर्चे पर खतरा पैदा हुआ है
हिमांशु शर्मा की रिपोर्ट,लखनऊ: चीन लगातार अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है, यह भारत से भी छिपा नहीं है। इसको लेकर रक्षा मंत्रालय का साफ मानना है कि चीन दरअसल अमेरिका की बराबरी कर रहा इसके चलते चीन और पाकिस्तान से जिस प्रकार दोहरे मोर्चे पर खतरा पैदा हुआ है, उसके मुताबिक वायुसेना के पास लड़ाकू विमानों की कमी है. यह संभवत: पहली बार है जब रक्षा मंत्रालय ने संसदीय समिति की बैठक में स्पष्ट रूप से चीन की शक्ति की तुलना अमेरिका से की है। मार्च के मध्य में संसद में पेश समिति की रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र किया गया है.
भारत के पास पर्याप्त संख्या में लड़ाकू विमान नहीं हैं
दरअसल, वायुसेना को दिए जाने वाले बजट को लेकर चर्चा चल रही थी, जिस पर रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया कि अभी हमारे पास जितने फाइटर जेट्स हैं, वह दोनों प्रतिद्वंद्वियों को चुनौती देने के लिए काफी नहीं हैं. इनका मुकाबला करने के लिए वायुसेना को लंबी दूरी के हथियार खरीदने होंगे। इसके लिए मौजूदा बजट संसाधनों का न केवल उपयोग किया जाएगा, बल्कि अतिरिक्त धन की भी आवश्यकता होगी। मौजूदा परिचालन क्षमता को बनाए रखना भी आवश्यक है।
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चीन रक्षा पर बहुत खर्च कर रहा है
रिपोर्ट में दर्ज विवरण के अनुसार संसाधनों की कमी और आसन्न दोहरी चुनौती का मुद्दा यहीं नहीं रुका। रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि ने कहा कि चीन रक्षा पर बहुत अधिक खर्च कर रहा है। इसलिए इसके खतरे का दायरा भी बहुत बड़ा है। दरअसल, यह अमेरिका की बराबरी कर रहा है और उससे आगे निकलने की कोशिश कर रहा है। रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि ने कहा कि रक्षा मंत्री ने आदेश दिया कि भारत में चीन का विरोध करने की क्षमता होनी चाहिए। उसी के मुताबिक सरकार आवंटन कर रही है, लेकिन अभी भी कुछ कमियां बाकी हैं, जिन्हें धीरे-धीरे कम करना होगा.
चुनौतियां क्या हैं?
- वायु सेना को दोहरे मोर्चे की चुनौतियों का सामना करने के लिए लड़ाकू विमानों के 42 स्क्वाड्रन की जरूरत है, लेकिन वर्तमान में केवल 32 स्क्वाड्रन उपलब्ध हैं।
- स्क्वाड्रन में 18 विमान होते हैं। इस प्रकार, वायु सेना के पास वर्तमान में 180 लड़ाकू विमानों की कमी है। चार स्क्वाड्रन मिग के हैं जो पुराने हैं।
रक्षा खर्च में भारत तीसरे स्थान पर
चीन का रक्षा बजट भारत से तीन गुना ज्यादा है। अमेरिकी कांग्रेस के बजट कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, चीन ने 2021 में रक्षा पर 293 अरब डॉलर खर्च किए, जबकि भारत का खर्च सिर्फ 76.6 अरब डॉलर था। अमेरिका ने सबसे ज्यादा 801 अरब डॉलर खर्च किए। रक्षा खर्च के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है।