आटा, मैदा और सूजी के निर्यात पर लगा प्रतिबंध, बढ़ती कीमतों को काबू करने के लिए उठाया गया कदम
आटे की कीमतों में पिछले साल के मुकाबले 17 फीसदी की तेजी आई है.डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड ने एक आदेश जारी कर बताया है कि आटा, साबुत आटा, मैदा और सूजी के निर्यात पर रोक लगा दी गई है.
अनु कुमारी की रिपोर्ट, रांची: इससे पहले ऊंचे दामों का हवाला देते हुए सरकार ने हाल ही में गेहूं का निर्यात रोक दिया था.नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने आटा, साबुत आटा, मैदा और सूजी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. ऐसा इन उत्पादों की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए किया गया है. सरकार की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, गेहूं या मेसलिन का आटा, मैदा, साबुत आटा और सूजी के निर्यात को मुक्त से प्रतिबंधित किया जाता है. सूजी में रवा और सिरगी भी शामिल हैं. सरकार की ओर से यह आदेश डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड ने जारी किया है.
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हालांकि, सरकार की अनुमति के साथ अब कुछ मामलों में निर्यात किया जा सकेगा.दरअसल, रूस और यूक्रेन युद्ध ही इसका कारण बने. दोनों की देश गेहूं के सबसे बड़े निर्यातक हैं और इनके बीच युद्ध से दुनियाभर में गेहूं की सप्लाई बाधित हो गई. इसलिए भारत से गेहूं निर्यात की मांग बढ़ गई. निर्यात बढ़ने के कारण भारत में गेहूं की कीमत ऊपर जाने लगी और इस पर लगाम लगाने के लिए निर्यात प्रतिबंधित कर दिया गया.कीमतों में 22 फीसदी तक की तेजी मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, गेहूं की आपूर्ति घटने और मांग बढ़ने के कारण देश समें 22 अगस्त 2022 को इसकी खुदरा कीमत में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 22 फीसदी का उछाल देखने को मिला.