लखनऊ के एक अस्पताल में धड़ल्ले से चल रहा दलाली का खेल, मरीज के बदले में मिलेगा 30 हजार
प्रीति कुमारी की रिपोर्ट लखनऊ: पैसे के लिए लोग किसी की जान से खेलना तक पसंद करते हैं एक ऐसा ही मामला लखनऊ के एक अस्पताल में देखने को मिला जहां एक युवक का कहना है कि लोहिया के इमरजेंसी में तो मरीज को बेड नहीं मिलेगा, लेकिन मेरे अस्पताल में मरीज ले आओ उसे बैठ के साथ मरीज को बेहतर इलाज भी मिलेगा और इतना ही नहीं बल्कि तुम्हें भी 30 हजार रुपए कमीशन दूंगा। प्राइवेट अस्पताल के दलाल ने एंबुलेंस चालक को पैसे का लालच देकर मरीज को केजीएमयू अस्पताल में ले जाने से रोक लिया, बता दे पॉलिटेक्निक चौराहे के पास निजी अस्पताल में मरीज को भर्ती कराने को कहा गया। वही बड़ी बात तो यह है कि शनिवार को प्राइवेट अस्पताल के दलाल और एंबुलेंस चालक के मोबाइल पर बातचीत का ये ऑडियो अचानक से वायरल हो गया थाI
बता दे फैजाबाद से एक महिला मरीज को एंबुलेंस चालक लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में लेकर पहुंचा , यहां बेड खाली ना होने की वजह से इमरजेंसी के डॉक्टर ने मरीज को केजीएमयू में रेफर कर दिया, जिसके बाद से एंबुलेंस चालक राजू पर निजी अस्पताल के दलाल दुर्गेश ने निगरानी रखनी शुरू कर दी। इसके बाद से फोन कर मरीज को पॉलिटेक्निक स्थित निजी अस्पताल में लाने की बात कही गई इसके बदले एंबुलेंस चालक को 30,000 रुपए देने का लालच भी दिया गया था, वही एंबुलेंस चालक ने अस्पताल के दलाल की बात सुनने के बजाय मरीज को केजीएमयू ले जाकर भर्ती कराया और समझदारी दिखाते हुए उसने दलाल से बातचीत का ऑडियो वायरल कर दिया। लोहिया संस्थान के अफसरों ने इस वायरल ऑडियो को देखा तो उनके होश उड़ गए वही इन अफसरों ने मामला इस मामले पर जांच के आदेश दिए हैं।
बेड के नाम पर हो रही दलाली
आपको बता दें लोहिया संस्थान के इमरजेंसी में बेड की कमी का फायदा सीधे तौर पर प्राइवेट अस्पताल के दलाल उठा रहे हैं । किफायती व बेहतर इलाज का झांसा देकर मरीजों को बहला-फुसलाकर ले जा रहे, चिंता की बात यह है कि इमरजेंसी में करीब 40 बेड है। बता दे संस्थान प्रशासन ने इमरजेंसी के डॉक्टर कर्मचारी प्राइवेट अस्पताल के दलालों के गठजोड़ को तोड़ने के लिए सख्ती शुरू की तो दलालों ने फोन से मरीजों को फसाने का तरीका भी ढूंढ लिया और फोन से मरीजों से कुछ इस तरह बात करके अपनी जाल में फंसा देते हैं कि मरीज को इनकी बातों पर पूरा पूरा विश्वास हो जाता है और वह आसानी से इनकी जाल में फंस जाते हैं।
इमरजेंसी के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत दलालों से है जिसके तौर पर दलालों की हिम्मत और भी बढ़ जाती है। बताया जा रहा है कि मिलीभगत कर्मचारी मरीज से जुड़ी जानकारी दलाल से साझा करते हैं कई बार तो यह इमरजेंसी कर्मचारी एंबुलेंस चालक का नंबर तक दलालों को देते हैं जिसके बाद से दलाल अपने काम को और भी आसानी से कर लेते हैं और पूरी तरीके से कामयाब हो जाते हैं।
लोहिया संस्थान चिकित्सा के अधीक्षक डॉ विक्रम सिंह का बयान
मरीजों की दलाली करने वालों को लेकर लोहिया संस्थान चिकित्सा के अधीक्षक डॉ विक्रम सिंह का कहना है कि मरीजों के जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले दलालों पर शक्ति से कार्रवाई की जाएगी, अब तक 4 से 5 मामले सामने आ चुके हैं सभी की जांच चल रही है, और कुछ सफाई कर्मचारियों पर शक के तौर पर इमरजेंसी से उन्हें हटा दिया गया है। वहीं मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है पुलिस को सबूत भेजकर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।
वहीं इस मामले में पॉलिटेक्निक स्थित निजी अस्पताल के संचालक ने मरीजों की दलाली के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और कहा कि दुर्गेश नाम का कोई भी कर्मचारी अस्पताल में कार्यरत नहीं है और जानबूझकर अस्पताल को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है।