क्या आप 24 करोड़ मुस्लिमों को चीन भेज देंगे

फारूख अब्दुल्ला का केंद्र से सवाल, कहा- धार्मिक लकीर खींचकर देश को मत बांटिए

क्या आप 24 करोड़ मुस्लिमों को चीन भेज देंगे

फारूख अब्दुल्ला का केंद्र से सवाल, कहा- धार्मिक लकीर खींचकर देश को मत बांटिए

प्रिया की रिपोर्ट इंदौर : नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार देश को धार्मिक लकीरें खींचकर बांट रही है। इस पर रोक लगनी चाहिए। देश में डर और नफरत की राजनीति नई नहीं है। ये लोग 22-24 करोड़ मुस्लिमों के साथ क्या करेंगे? क्या उन्हें समंदर में फेंक देंगे या उन्हें चीन भेज देंगे?
अब्दुल्ला ने कहा कि गांधीजी राम राज्य की बात करते थे, इसका मतलब था- एक ऐसा कल्याणकारी राज्य जहां सभी लोगों को बराबर मौके मिलेंगे और किसी के खिलाफ कोई भेदभाव नहीं होगा। हम सभी को गांधीजी के आदर्शों पर चलना चाहिए। समुदायों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा नहीं किया जाना चाहिए। अब्दुल्ला ने शनिवार को एक दर्जन से ज्यादा पार्टियों के साथ अपने घर पर बैठक की थी। ये बातें उन्होंने इसी मीटिंग में कहीं।

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मीटिंग के बाद अब्दुल्ला ने कहा कि आज जम्मू चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने प्रॉपर्टी टैक्स के खिलाफ बंद बुलाया था, प्रदेश में युवाओं पर लाठीचार्ज हो रहा है। ये दिखाता है कि जम्मू-कश्मीर में हालात अच्छे नहीं हैं। जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा हटाकर उन्हें दो केंद्र-शासित प्रदेश बनाना पूरे देश के लिए त्रासदी है। जम्मू-कश्मीर देश का अभिन्न अंग है। हम इस देश के हैं, तो हमारे साथ ऐसा क्यों किया जा रहा है? हम एंटी-नेशनल नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि हम इलेक्शन कमीशन से मिलने के लिए दिल्ली जाएंगे। हम उनसे मांग करेंगे कि यहां चुनाव तय समय से पहले कराए जाएं और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वापस दिलवाने में उनकी मदद मांगेंगे। हम राष्ट्रीय विपक्षी पार्टियों के नेताओं से भी मिलेंगे।

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