कौन हैं सिंधी….हिंदू या मुस्लिम

सिंधियों को हिंदू बोलकर पाकिस्तान से भगाया, लेकिन वो हिन्दी भी नहीं बोल पाते थे।

कौन हैं सिंधी….हिंदू या मुस्लिम

सिंधियों को हिंदू बोलकर पाकिस्तान से भगाया, लेकिन वो हिन्दी भी नहीं बोल पाते थे।

पूनम की रिपोर्ट,इंदौर: शहीद हेमू कालाणी के जन्म शताब्दी समारोह में 31 मार्च को दुनिया भर के सिंधी भोपाल आ रहे हैं। खुद संघ प्रमुख मोहन भागवत सिंधियों से संवाद करने आ रहे हैं। आखिर कौन हैं सिंधी? क्या है सिंधियत की खासियत और कहां से जुड़ी है इनकी पहचान?

1947 में भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान पाकिस्तान से आए हिंदू सिंधियों का संघर्ष जाना। उनसे सुना कि संघर्ष करके उन्होंने अलग मुकाम बनाया। बंटवारे के दर्द को याद करते हुए भोपाल के सिंधी कहते हैं कि उन्हें हिंदू बोलकर पाकिस्तान से भगाया गया था। वे जब भारत आए, तो हिन्दी भी नहीं बोल पाते थे। लाखों की जागीर पाकिस्तान में छोड़कर जब सिंधी यहां पहुंचे ,तो वे फटेहाल थे। उन्हें रिफ्यूजी कैंपों में दोनों वक्त का खाना तक नसीब नहीं होता था।

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अपनी जीवटता के लिए मशहूर सिंधी लोगों ने भारत आकर परिवार चलाने के लिए चने बेचे, सब्जी बेची। वे कहते हैं कि हमें पाकिस्तान छोड़कर भारत को अपनाने के फैसले पर आज भी फख्र है। भले ही तब हम फटेहाल थे, लेकिन आज राज बाबू हैं। उस समय जो सिंधी पाकिस्तान से नहीं आए, आज उनकी हालत पर तरस आता है। पाकिस्तान में रहने वाले हमारे कई रिश्तेदार फोन पर वहां के हालात बताते हैं, तो रूह कांप जाती है।

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