हमें अलर्ट रहना हैं’: कोरोना के हालातों पर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश में कोविड-19 की स्थिति पर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की.
सेजल सिंह की रिपोर्ट,रांची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश में कोविड-19 की स्थिति पर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की. पीएम ने इस बैठक में कहा कि स्पष्ट है कि कोरोना की चुनौती अभी पूरी तरह टली नहीं है ओमिक्रोन और उसके सब वैरिएंट्स किस तरह गम्भीर परिस्थिति पैदा कर सकते हैं,ये यूरोप के देशों में हम देख सकते हैं. पिछले कुछ महीने में इन वैरिएंट्स से मामले बढ़े हैं, कई देशों की तुलना में भारत ने हालात को नियंत्रण रखा है. पीएम ने कहा कि बीते 2 वर्षों में कोरोना को लेकर ये हमारी 24वीं बैठक है. कोरोना काल में जिस तरह केंद्र और राज्यों ने मिलकर काम किया है और जिन्होंने कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है. मैं सभी कोरोना वॉरियर्स की प्रशंसा करता हूं.
पिछले 2 हफ्तों से मामले जो बढ़ रहे है, उससे हमें अलर्ट रहना है. 2 साल के भीतर में देश ने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर ऑक्सीजन सप्लाई तक कोरोना से जुड़े हर पक्ष में जो आवश्यक है उसे देने का काम किया है. तीसरी लहर में स्थितियां अनियंत्रित होने की खबर नहीं आई. उन्होंने आगे कहा कि आज भारत के 96% वयस्क आबादी को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है और 15 साल के ऊपर बच्चों को करीब 85% लोगों को दूसरी डोज लग चुकी है. मार्च में हमने 12-14 वर्ष के बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू कर दिया था. कल 6-12 वर्ष के बच्चों के लिए भी को-वैक्सीन टीके की अनुमति मिल गई है. इंफ्रास्ट्रक्चर के अपग्रेड का काम तेजी से चलता रहे, ये सुनिश्चित करना चाहिए. बिस्तर, वेंटिलेटर और पीएसए ऑक्सीजन प्लांट जैसी सुविधाओं के लिए हम काफी बेहतर स्थिति में हैं, लेकिन ये सुविधाएं कार्यांवित रहे, हमें ये भी सुनिश्चित करना होगा.
और देखें: बेसब्री से हो रहा है ईद का इंतजार 2 साल बाद धूमधाम से मनाया जाएगा ईद IIAsia News IndiaII Eid Mubarak
उन्होंने आगे कहा कि देश में सभी वयस्कों के लिए प्रीकॉशन डोज भी उपलब्ध है. तीसरी लहर के दौरान हमने हर दिन 3 लाख से अधिक केस देखे. हमारे सभी राज्यों ने इन्हें हैंडल भी किया और बाकी सभी सामाजिक, आर्थिक गतिविधियों को भी गति दी. हमारे वैज्ञानिक और विशेषज्ञ नेशनल और ग्लोबल स्थिति को लगातार मॉनिटर कर रहे हैं. संक्रमण को शुरुआत में ही रोकना हमारी प्राथमिकता पहले भी थी, आज भी यही रहना चाहिए. टेस्ट,ट्रैक, ट्रीट की हमारी स्ट्रैटेजी को भी हमें उतने ही प्रभावी तौर पर लागू करना है. जो युद्ध की परिस्थिति पैदा हुई है, जिससे सप्लाई चैन प्रभावित हुई है, ऐसे माहौल में दिनों-दिन चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं. ये वैश्विक संकट अनेक चुनौतियां लेकर आ रहा है. ऐसे में केंद्र और राज्य के बीच तालमेल को और बढ़ाना अनिवार्य हो गया है. पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत का बोझ कम करने के लिए केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में पिछले नवंबर में कमी की थी. राज्यों से भी आग्रह किया गया था कि वो अपने यहां टैक्स कम करें. कुछ राज्यों ने तो अपने यहां टैक्स कम कर दिया, लेकिन कुछ राज्यों ने अपने लोगों को इसका लाभ नहीं दिया गया.