बंगाल में दो मालगाड़ी टकराईं, 12 डिब्बे बेपटरी

सेफ्टी अफसर बोले- सिग्नल की गड़बड़ी रही होगी; बालासोर हादसे के 22 दिन बाद दूसरी ट्रेन दुर्घटना

बंगाल में दो मालगाड़ी टकराईं, 12 डिब्बे बेपटरी
सेफ्टी अफसर बोले- सिग्नल की गड़बड़ी रही होगी; बालासोर हादसे के 22 दिन बाद दूसरी ट्रेन दुर्घटना
पूनम की रिपोर्ट पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले में रविवार सुबह दो मालगाड़ियों की टक्कर में 12 डिब्बे पटरी से उतर गए।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, टक्कर की जोरदार आवाज से ओंडा रेलवे स्टेशन के आसपास के लोगों की नींद खुली और वो मौके पर पहुंचे। उन लोगों ने ही मालगाड़ी के लोको पायलटों को सुरक्षित बाहर निकाला।2 जून को ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों की हुई टक्कर के बाद 23 दिनों में यह दूसरा रेल हादसा है। हालांकि इसमें जान माल का बहुत ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।रेलवे सूत्रों ने बताया कि एक लोको पायलट को हल्की चोट आई है। हादसे के कारण बिजली का ओवरहेड तार टूट जाने की वजह से आद्रा-खड़गपुर सेक्शन में ट्रेनों की आवाजाही करीब 3 घंटे तक प्रभावित रही।मौके पर पहुंचे दक्षिण पूर्व रेलवे के डिवीजनल सेफ्टी ऑफिसर दिवाकर माझी ने पत्रकारों को बताया- ओंडा रेलवे स्टेशन पर एक मालगाड़ी पहले से खड़ी थी। पीछे से आने वाली दूसरी मालगाड़ी ने उसमें टक्कर मार दी। आखिर यह हादसा कैसे हुआ, यह तो जांच के बाद ही पता चल सकेगा। शायद सिग्नल की गड़बड़ी रही होगी।रेलवे के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि ओंडा स्टेशन के लूप लाइन पर बांकुड़ा से विष्णुपुर की ओर जाने वाले एक मालगाड़ी खड़ी थी। इसी रूट पर पीछे से आने वाली दूसरी मालगाड़ी ने उसे जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि पीछे वाली ट्रेन का इंजन पहले वाली मालगाड़ी पर चढ़ गया।दक्षिण पूर्व रेलवे के CPRO आदित्य कुमार चौधरी ने बताया कि एक मालगाड़ी लूप लाइन में खड़ी थी और दूसरी ट्रेन को सिग्नल पर रुकना था, लेकिन वह लाल सिग्नल से आगे निकल गई, जिससे हादसा हुआ। मरम्मत का काम सुबह करीब 7.30 बजे पूरा हो गया। हादसे के बाद पहली ट्रेन सुबह करीब 8.30 बजे इस रूट पर चली। अब तक 11 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं।

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