किताब लिखते ही एक ओर विवादों के घेरे में सलमान खुर्शीद

अयोध्या पर लिखी सलमान खुर्शीद की किताब पर विवाद के बाद से अब कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता राशिद अल्वी के बयानो पर काफी बवाल खड़ा हो गया हैं

किताब लिखते ही एक ओर विवादों के घेरे में सलमान खुर्शीद………

दूजे राशिद अल्वी के बयानों ने मचाया तहलका, जाने क्यों………

प्रीति कुमारी की रिपोर्ट लखनऊ: अयोध्या पर लिखी सलमान खुर्शीद की किताब पर विवाद के बाद से अब कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता राशिद अल्वी के बयानो पर काफी बवाल खड़ा हो गया हैं। बता दे अल्वी ने संभल में कल्कि महोत्सव में कहा कि जय श्री राम का नारा लगाने वाले सभी मुनि नहीं हो सकते, उन्होंने इसी के आगे यह भी कहा, कि इन दिनों जय श्री राम बोलने वाले कुछ लोग संत नही बल्कि एक राक्षस है। इस बयान से पहले राशिद अल्वी ने रामायण के उस प्रसंग का जिक्र किया जब हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने के लिए जा रहे थे और संत के वेश में एक राक्षस ने उन्हें रोकने का मायाजाल रचा था, फिर क्या अली के इस बयान पर बीजेपी ने सख्त आपत्ति जताते हुए उन पर हिंदू विरोधी बयानबाजी का आरोप लगाया है जिसके बाद से अल्वी ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों से साफ इनकार किया है।

कल्कि महोत्सव में अली ने सबसे पहले साधु संतों को नमन किया और कहा कि कलयुग के चलते हुए अभी ज्यादा वक्त नहीं हुआ है इसलिए सभी साधु संत प्रार्थना करें कि पुराणों में दर्ज समय से पहले ही भगवान श्री कल्कि संभल में अवतार ले। इतना ही नहीं कांग्रेस नेता ने सियासी तीर छोड़ते हुए कहा कि कुछ लोग धर्म पर यकीन नहीं करते हैं लेकिन धर्म की बात बहुत करते हैं। और कुछ लोग कहते हैं कि देश में राम राज्य आ गया है लेकिन जहां तक मैं समझता हूं कि राम राज्य में नफरत की कोई जगह नहीं है।

इसी के आगे अल्वी ने कहा तुलसीदास जी ने कहा है कि बकरी और शेर एक घाट पर पानी पीते हैं लेकिन आज के समय में कुछ लोग जय श्री राम का नारा लगाकर गुमराह करते हैं, ऐसे लोगों से होशियार रहना चाहिए, वही उन्होंने रामायण का एक प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जब लक्ष्मण जी की हालत खराब होती है तो और कहा जाता है कि सूरज निकलने से पहले संजीवनी बूटी लेने के लिए हनुमान जी की जिम्मेदारी लगाई जाती है, उधर रावण एक राक्षस को संत बना कर भेज देता है हनुमान जी के जाते समय वह राक्षस नीचे बैठकर जय श्री राम का नारा लगा रहा था फिलहाल आजकल तो बहुत लोग जय श्री राम का नारा लगाते हैं, वही हनुमान जी आसमान से नीचे उतर आते हैं तो राक्षस उनसे कहता है पहले जाओ मानसरोवर में स्नान करके आओ क्योंकि बगैर स्नान के जय श्री राम नहीं बोला जाता है, यह अलग बात है कि आजकल बहुत से लोग बिना नहाए जय श्री राम बोलते हैं। वहां एक मगरमच्छ के रूप में एक अप्सरा हनुमान जी से कहती है क्यों अपना वक्त खराब कर रहे हो तुम्हें तो सूरज निकलने से पहले ही संजीवनी बूटी लेकर जाना हैं और यह जो सामने बैठा है, ये निसिचर घोरा यानी ये मुनि नहीं एक घोर राक्षस है, आज भी बहुत से लोग जय श्री राम का नारा लगाते तो हैं मगर वे सब मुनि नहीं बल्कि एक निसिचर घोरा है। हमें ऐसे लोगों से होशियार रहना है। अबे हमे सही अर्थों में रामराज्य लाना है ।

हिंदू न चाहे तो सेकुलर नहीं रह सकता देश

इसके पहले पत्रकारों से बातचीत के दौरान सलमान खुर्शीद की किताब पर मचे बवाल पर बोलते हुए अल्वी ने कहा कि कोई भी धर्म आतंक नहीं सिखाता है भारत यदि सेकुलर है तो हिंदू धर्म की वजह से ही है , यहां की 80% आबादी हिंदू है अगर हिंदू न चाहे तो देश सेकुलर नहीं रह सकता है। राशिद अल्वी ने कहा कि उन्होंने सलमान खुर्शीद की किताब नहीं पढ़ी है लेकिन सलमान एक सेकुलर आदमी है उन्होंने हिंदू धर्म की तुलना आईएसआईएस से नहीं की है, क्योंकि हिंदू धर्म की तुलना आतंकवादियों के साथ कभी नहीं की जा सकती हैं।

बता दे अल्वी ने श्री रामचरितमानस में सीता हरण प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि मुनि का भेष धारण कर आया रावण भी जय श्री राम का नारा लगा रहा था, इसलिए जय श्री राम का नारा लगाने वाले सब मुनि नहीं होते। जानकारी के मुताबिक अल्वी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा हम पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे, भाजपा की सरकार एक नाकाम सरकार है । मैं कासगंज से आ रहा हूं, वहां एक लड़के को पुलिस एक शक के तौर पर ले जाती है और जान से मारकर कहती है कि उसने खुदकुशी की है, उसके पिता पर दबाव बनाया जा रहा है और उसे 5 लाख रुपए दिए गए हैं। मैं उन परिजनों से वादा करके आया हूं कि कांग्रेस पार्टी उसकी फाइनेंशियल मदद करेगी।

इसी के आगे अल्वी ने ये भी कहा कि उत्तर प्रदेश की पुलिस सरकार के दबाव में काम करती है इसलिए यूपी क्राइम का अड्डा बन चुका है। पिछले साल भारत में जितनी एफआईआर दर्ज हुई थी उसकी बारह फीसदी उत्तर प्रदेश में हुई है। जबकि दावा करते हैं कि यहां कोई क्राइम नहीं है, एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी और अगर कोई राजनीतिक दल गठबंधन चाहता है तो इस पर हाईकमान एक बार विचार कर सकता है।

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