नए ISRO चीफ बने एस सोमनाथ, जानें वरिष्ठ रॉकेट वैज्ञानिक की उपलब्धियां

वरिष्ठ रॉकेट वैज्ञानिक एस सोमनाथ को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO Chairman) का नया चीफ बनाया गया

नए ISRO चीफ बने एस सोमनाथ, जानें वरिष्ठ रॉकेट वैज्ञानिक की उपलब्धियां

श्रद्धा उपाध्य की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश: केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को इसरो (ISRO) के नए चीफ की नियुक्ति की गई। वरिष्ठ रॉकेट वैज्ञानिक एस सोमनाथ को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO Chairman) का नया चीफ बनाया गया। अब वे इसरो में वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख के सिवन की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल इसी हफ्ते शुक्रवार 14 जनवरी को खत्म हो रहा है। बता दें एस सोमनाथ को तीन साल के कार्यकाल के लिए अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति दी गई है। डॉ. एस सोमनाथ (Dr. S. Somanath) एक एयरोस्पेस इंजीनियर और सीनियर रॉकेट वैज्ञानिक (Rocket Scientist) हैं। इसके साथ ही उन्होंने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हुई है आइये जान लेते है उनके द्वारा किये गए महान कार्यो के बारे में जानकारी

आपको बता दें डॉ. सोमनाथ का जन्म जुलाई 1963 में हुआ था. उन्होंने केरल युनिवेर्सिटी से मेकैनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की . इसके बाद उन्होंने बैंगलोर स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। एस सोमनाथ एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ASI) से स्पेस गोल्ड मेडलिस्ट है। इसके अलावा उन्हें इसरो की ओर से GSLV Mk-III के लिए परफॉर्मेंस एक्सीलेंस अवॉर्ड 2014 और टीम एक्सीलेंस अवॉर्ड 2014 से भी नवाजा जा चुका है।

अपने करियर के शुरुआती चरणों के दौरान वो पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) के एकीकरण के लिए एक टीम लीडर थे। वे 22 जनवरी, 2018 से विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक का नेतृत्व भी कर रहे हैं। इसके साथ ही एस सोमनाथ हाई थ्रस्ट सेमी-क्रायोजेनिक इंजन की विकास गतिविधियों का भी अहम हिस्सा रहे हैं। उनकी गिनती भारत के सबसे ताकतवर स्पेस रॉकेट जीएसएलवी एमके-3 लॉन्चर के विकास कार्य का नेतृत्व करने वाले वैज्ञानिकों में होती है।

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वर्तमान में डॉ. एस सोमनाथ केरल के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSV) के निदेशक हैं। अपने करियर की शुरुआत में वह पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) के इंटीग्रेशन के दौरान टीम लीडर थे। उन्होंने स्वदेशी क्रायोजेनिक चरणों के साथ जीएसएलवी के तीन सफल मिशनों और एलपीएससी के साथ पीएसएलवी के ग्यारह सफल मिशनों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके साथ ही वे नवंबर 2014 तक वीएसएससी में ‘स्ट्रक्चर’ इकाई के उप निदेशक और वीएसएससी में ‘प्रणोदन और अंतरिक्ष अध्यादेश इकाई’ के उप निदेशक भी रहे चुके है।

वही अगर बात की जाये डॉ एस सोमनाथ के परिवार की तो उनके परिवार में उनकी पत्नी वलसाला है, जो कि जीएसटी विभाग में कार्यरत है। उनके दो बच्चे है  और दोनों ही इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल प्राप्त कर चुके है

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