राम जन्म कथा

जब चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र में हुआ था

राम जन्म कथा

जब चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र में हुआ था

पूनम की रिपोर्ट इंदौर : जब चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र में सूर्य, मंगल शनि, वृहस्पति तथा शुक्र अपने-अपने उच्च स्थानों में विराजमान थे,

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कर्क लग्न का उदय होते ही महाराज दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या के गर्भ से एक शिशु का जन्म हुआ जो कि नील वर्ण, चुंबकीय आकर्षण वाले, अत्यन्त तेजोमय, परम कान्तिवान तथा अत्यंत सुंदर था।

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