पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी राजनीतिक पार्टियां, जानिए किसकी बनेगी सरकार और किसकी होगी विदाई
प्रीति कुमारी की रिपोर्ट लखनऊ: अगले साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तैयारियो में राजनीतिक पार्टियां अभी से ही आजमाइश में जुटी हुई है। बता दे उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में किसकी सरकार बनेगी और किसकी विदाई होगी इस मसले पर अभी से सियासी गड अपनी गणित लगना शुरू कर चुके है। फिलहाल उत्तर प्रदेश में इस बार जनता का क्या मूड है इसका पता तो चुनाव रिजल्ट आने के बाद ही के पता चलेगा। मगर अभी से कुछ टीवी चैनलों और एजेंसियों ने जनता की नब्ज को टटोलने का काम शुरू कर दिया है। एक समाचार चैनल के अनुसार यूपी का मूड बताया है की यूपी में एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में बाजी मारती नजर आ सकती है।
बताया जा रहा है की नवंबर महीने के पहले सप्ताह में किए गए सर्वे में पता चला कि उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से भाजपा अपनी सरकार बनाने में कामयाब होती नजर आ रही है, हालांकि भाजपा को काफी सीटों का नुकसान भी हो रहा है और 300 का आंकड़ा भी पार करती नहीं दिख रही है। इधर समाजवादी पार्टी को फायदा होता दिख रहा है जबकि मायावती को तगड़ा झटका लग रहा है । सर्वे का सैंपल साइज 1,07, 193 था और इनमें पांच राज्यों के लोग भी शामिल थे।
C voter सर्वे के मुताबिक यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा को 213 से 221 सीटें मिलती दिख रही है, ऐसे में यहां ध्यान देना जरूरी है कि 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 325 सीटें मिली थी भले ही भाजपा की सीटों में गिरावट का अनुमान लगाया गया है मगर अब भी भगवा पार्टी यूपी में आसानी से लीड करती नजर आ रही है। और इसी के साथ साथ योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाती भी दिख रही है।
आपको बता दे सर्वे में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को 152 से 160 सीटों पर जीत दिखाया गया है। तो वहीं मायावती की बसपा के खाते में महज 16 से 20 सीटें जाती दिख रही है, बता दें कि बसपा ने पिछले चुनाव में 19 सीटें जीती थी, अगर कांग्रेस की बात करें तो उसका हाल और भी बुरा दिखाई दे रहा है। सर्वे के मुताबिक कांग्रेस के खाते में 6 से 10 सीटें जाती दिख रही है।
वही वोट फीसदी की बात करें तो भाजपा को करीब 41 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है । या फिर 2017 से थोड़ा सा कम है। सपा को 31 फीसदी तो बसपा को 15 फ़ीसदी वोट मिलने का अनुमान लगाया गया है। तो वही कांग्रेस के हालात तो इत्ते खराब है कि इसे 9 फ़ीसदी वोट मिलते दिखाई दे रहे है। यहां सपा को फायदा होता दिख रहा है क्योंकि अखिलेश यादव की पार्टी को पिछले चुनाव में महज 23.6 फ़ीसदी वोट ही मिले थे।