युद्ध में नहीं होगी किसी की जीत: प्रधानमंत्री मोदी

तीन देशों की तीन दिवसीय यात्रा पर सोमवार को जर्मनी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जर्मन चांसलर शुल्ज से मुलाकात के बाद बोले मोदी- इसीलिए भारत शांति के पक्ष में.

युद्ध में नहीं होगी किसी की जीत: प्रधानमंत्री मोदी

तीन देशों की तीन दिवसीय यात्रा पर सोमवार को जर्मनी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जर्मन चांसलर शुल्ज से मुलाकात के बाद बोले मोदी- इसीलिए भारत शांति के पक्ष में.

जुली कुमारी की रिपोर्ट,रांची: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच तीन देशों की तीन दिवसीय यात्रा पर सोमवार को जर्मनी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फिर जोर देकर कहा कि भारत शांति के पक्ष में है। भारत का मानना है कि इस युद्ध में कोई विजेता नहीं होगा और सभी का नुकसान होगा। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शुल्ज के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मोदी ने कहा कि यूक्रेन संकट की शुरुआत से ही भारत ने शत्रुता को तत्काल समाप्त करने का आह्वान किया है। साथ ही जोर देकर कहा है कि विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत ही एकमात्र समाधान है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यूक्रेन संकट की वजह से उपजी अव्यवस्था के कारण तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं, खाद्यान्न और उर्वरकों की कमी हो गई है और इस वजह से दुनिया के हर परिवार पर बोझ पड़ा है।इसका प्रभाव विकासशील और गरीब देशों पर कहीं ज्यादा होगा। उन्होंनेकहा कि भारत संघर्ष के मानवीय परिणामों को लेकर भी चिंतित है। वहीं, शुल्ज ने कहा कि यूक्रेन पर हमला करके रूस सने संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन किया है। जर्मन चांसलर ने कहा कि उन्होंने में प्रधानमंत्री मोदी को जर्मनी में जी-7 सम्मेलन के लिए भी आमंत्रित किया है।

इससे पहले सुबह बर्लिन पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी ने चांसलर कार्यालय (चांसलरी) के प्रांगण में पारंपरिक सलामी गारद का निरीक्षण किया। चांसलर शुल्ज ने यहां उनकी अगवानी की। शिष्टमंडल स्तर की वार्ता से पहले दोनों नेताओं ने अकेले में बातचीत की। जर्मन चांसलर के रूप में शुल्ज से उनकी यह पहली मुलाकात है जिन्होंने दिसंबर, 2021 में पदभार ग्रहण किया है। इससे पहले दोनोंनेताओं की पिछले वर्ष जी-20 बैठक में मुलाकात हुई थी, तब शुल्ज वाइस चांसलर और वित्त मंत्री थे।

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प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा, ‘दोनों नेताओं ने भारत और जर्मनी के बीच द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण आयामों की समीक्षा की जिसमें कारोबार को गति देना, सांस्कृतिक संपर्क आदि शामिल है। 

वहीं, विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच संपूर्ण सामरिक गठजोड़ के तहत द्विपक्षीय सहयोग से जुड़े महत्वपूर्ण क्षेत्रों तथा क्षेत्रीय व वैश्विक घटनाक्रम पर चर्चा हुई। इसके बाद उनके बीच शिष्टमंडल स्तर की वार्ता हुई जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी शामिल थे। मोदी और शुल्ज ने छठी भारत जर्मनी अंतर सरकारी विचार विमर्श (आइजीसी) की सह-अध्यक्षता भी की। आइजीसी की शुरुआत 2011 में हुई थी। यह एक विशिष्ट द्विवार्षिक तंत्र है जो दोनों देशों की सरकारों को व्यापक द्विपक्षीय मुद्दों पर समन्वय की मंजूरी देता है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने दोनों देशों के मंत्रियों के साथ बैठक की तस्वीर के साथ अपने ट्वीट में कहा, ‘भारत जर्मनी अंतर सरकारी विचार विमर्श हमारी मित्रता के विशेष स्वरूप को प्रदर्शित करता है।’

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