लालबागचा राजा :करोड़ों का चढ़ावा, लाखों की भीड़,

मूर्ति रखने की परंपरा 90 साल पुरानी; यहां मन्नतें पूरी होती हैं

लालबागचा राजा :करोड़ों का चढ़ावा, लाखों की भीड़,
मूर्ति रखने की परंपरा 90 साल पुरानी; यहां मन्नतें पूरी होती हैं
पूनम की रिपोर्ट अभिनेता, नेता, बिजनेस टाइकून या फिर आम जनता, सभी लालबागचा राजा (लालबाग के राजा) के दरबार में अपनी मुरादें लेकर हाजिरी लगाने आते हैं। बप्पा के चरणों में जब श्रद्धालु नतमस्तक होते हैं तो इनमें आम और खास का फर्क भी खत्म हो जाता है।मुकेश अंबानी से लेकर शाहरुख खान तक, अमित शाह से लेकर स्मृति ईरानी तक, सब बप्पा के भक्त हैं। इस बार भी ये सभी बप्पा का दर्शन करने पहुंचे थे। गणेश उत्सव के दौरान हर साल लगभग एक करोड़ लोग दर्शन के लिए आते हैं।यहां मिलने वाला दान भी करोड़ों में होता है। इस साल 2.5 करोड़ रुपए से ज्यादा का चढ़ावा चढ़ चुका है। 2008 में सबसे ज्यादा 11.5 करोड़ रुपए चढ़ावा चढ़ा था।यहां देश और विदेश से रोजाना लाखों श्रद्धालु कई घंटे इंतजार कर लंबी लाइन में लगकर बप्पा के दर्शन करने पहुंचते हैं। ये मुंबई के लालबाग परेल इलाके में हैं, इसीलिए इन्हें ‘लालबागचा राजा’ के नाम से पुकारा जाता है। यहां करीब 90 सालों से मूर्ति रखी जाती है लालबागचा राजा का इतिहास बहुत पुराना है। बात अंग्रेजों के जमाने की है, लालबाग के एरिया के आस-पास के कामकाजी लोगों को विस्थापित किया जा रहा था। उनकी कमाई का जरिया छिन गया था। उन लोगों ने एक मन्नत मांगी कि उन्हें व्यापार करने के लिए एक जमीन मिल जाए।उनकी मन्नत पूरी हुई, तभी से उन लोगों ने वहां गणपति की स्थापना करनी शुरू कर दी। 1934 से यहां हर साल मूर्ति स्थापित की जाती है।

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