जम्मू और कश्मीर: माखन लाल बिंद्रू से राहुल भट्ट तक, हत्या की इन घटनाओं के बाद राज्य की सियासत में उबाल

कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या के सिर्फ 18 घंटों बाद जम्मू और कश्मीर पुलिस के रियाज़ ठोकर की संदिग्ध चरमपंथियों ने पुलवामा में हत्या कर दी.

जम्मू और कश्मीर: माखन लाल बिंद्रू से राहुल भट्ट तक, हत्या की इन घटनाओं के बाद राज्य की सियासत में उबाल

कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या के सिर्फ 18 घंटों बाद जम्मू और कश्मीर पुलिस के रियाज़ ठोकर की संदिग्ध चरमपंथियों ने पुलवामा में हत्या कर दी.

सेजल सिंह की रिपोर्ट, रांची: बीते आठ महीनों में कश्मीर घाटी में कम से कम छह कश्मीरी पंडितों और एक हिंदू राजपूत को संदिग्ध चरमपंथियों ने निशाना बनाया है. इनमें से चार की मौत हो गई. हमले की ये घटनाएं कश्मीर घाटी के अलग-अलग ज़िलों में हुईं. अक्तूबर, 2021 में घाटी में पांच दिनों के भीतर सात आम नागरिकों की हत्याएं हुईं. इनमें एक सिख महिला शिक्षक और एक कश्मीरी पंडित महिला शिक्षक के अलावा कश्मीर के एक मशहूर केमिस्ट माखन लाल बिंद्रू भी शामिल थे.

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रिपोटों के मुताबिक़ अगस्त, 2019 से मार्च, 2022 तक, 14 कश्मीरी पंडित/हिन्दू और ग़ैर-कश्मीरी मज़दूरों को चरमपंथियों ने गोली मार दी. अगस्त 2019 में राज्य का विशेष दर्जा ख़त्म किए जाने के बाद इन चरमपंथी हमलों में तेज़ी आई है. राहुल भट्ट को गुरुवार को बड़गाम के चाडोरा के एक सरकारी कार्यालय में घुसकर नज़दीक से गोली मारी गई. वो वहीं काम करते थे. 36 साल के भट्ट बीते 10 साल से चाडोरा में तहसीलदार कार्यालय में कार्यरत थे. उन्हें पंडितों के विशेष पुनर्वास पैकेज के तहत यह नौकरी मिली थी. 1990 के दशक में राज्य में हथियारबंद आंदोलन शुरू होने के बाद घाटी में रहने वाले बहुत सारे कश्मीरी पंडितों को पलायन के लिए मज़बूर होना पड़ा.

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