“इंदिरा गांधी ने DMK से आपातकाल का विरोध ना करने का किया था निवेदन”, बोले एमके स्टालिन

सीएम स्टालिन ने शनिवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री गांधी ने करुणानिधि को यह संदेश देने के लिए अपने दूत भेजे थे.

“इंदिरा गांधी ने DMK से आपातकाल का विरोध ना करने का किया था निवेदन”, बोले एमके स्टालिन

सीएम स्टालिन ने शनिवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री गांधी ने करुणानिधि को यह संदेश देने के लिए अपने दूत भेजे थे.

प्रिया की रिपोर्ट इंदौर : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने शनिवार को कहा कि इंदिरा गांधी ने DMK से आपातकाल का विरोध ना करने का निवेदन किया था. लेकिन उस समय के मुख्यमंत्री एम करुणानिधि ने उनकी बात नहीं मानी थी. इसकी वजह से ही एम करुणानिधि की सरकार बाद में गिर गई थी. सीएम स्टालिन ने शनिवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री गांधी ने करुणानिधि को यह संदेश देने के लिए अपने दूत भेजे थे कि उन्हें 1975 में लागू आपातकाल का विरोध नहीं करना चाहिए और यदि उन्होंने इस अनुरोध पर ध्यान नहीं दिया तो द्रमुक सरकार को बर्खास्त किया जा सकता है

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उन्होंने कहा कि गांधी ने खुद को एक संकट से बचाने के लिए देश में आपातकाल लगाया था, जिसके बाद कई लोगों को गिरफ्तार किया गया और कई नेताओं के खिलाफ कठोर आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (मीसा) के तहत मामले दर्ज किए गए. तब तमिलनाडु में हमारी सरकार थी. उस समय कलैगनार (करुणानिधि) के लिए एक संदेश आया. कहां से? दिल्ली से. मैडम इंदिरा गांधी के दूतों ने उन्हें सूचित किया कि आपको आपातकाल का विरोध नहीं करना चाहिए और यदि विरोध किया तो, द्रमुक सरकार एक सेकंड में गिर जाएगी. हालांकि, करुणानिधि ने उनसे कहा कि उन्हें अपनी जान की भी परवाह नहीं है और लोकतंत्र उनके लिए महत्वपूर्ण है.

 

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