आईएनएस ध्रुव दुश्मन के परमाणु हमले को चुटकियों में कर देगा नेस्तनाबूद, समुद्र मेंआज उतरेगा देश का पहला न्यूक्लियर मिसाइल ट्रैकिंग जहाज

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठनऔर राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन के सहयोग से हिंदुस्तान शिपयार्ड द्वारा तैयारINS ध्रुव दुश्मन की पनडुब्बियों के रिसर्च का पता लगाने के लिए समुद्र के तल को मैप करने की क्षमता रखता है.

दिल्ली ब्यूरो : भारत शुक्रवार को यानी आज अपना पहला सैटलाइट और बैलिस्टिक मिसाइल ट्रैकिंग शिप आईएनएसध्रुव लॉन्च करने जा रहा है. इस 10,000 टन के जहाज को भारतीय नौसेना, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन औरराष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से कमीशनकिया जाएगा. आईएनएस ध्रुव देश के भविष्य की एंटीबैलिस्टिक क्षमताओं के केंद्र में है. यह जहाज हिंदप्रशांत क्षेत्र मेंदेश की उपस्थिति को आगे बढ़ाने और उसे मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठनऔर राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन के सहयोग से हिंदुस्तान शिपयार्ड द्वारा तैयारINS ध्रुव दुश्मन की पनडुब्बियों के रिसर्च का पता लगाने के लिए समुद्र के तल को मैप करने की क्षमता रखता है. 10,000 टन का जहाज वर्गीकृत परियोजना का हिस्सा है. ये भारतीय शहरों और सैन्य प्रतिष्ठानों की ओर जाने वाली दुश्मनों कीमिसाइलों के लिए एक अर्ली वार्निंग सिस्टम के तौर पर कार्य करेगा. चीन और पाकिस्तान दोनों के पास परमाणुबैलिस्टिक मिसाइल क्षमता है.

लंबी दूरी पर परमाणु मिसाइलों को ट्रैक करने में सक्षम

ध्रुव के पास डीआरडीओ द्वारा विकसित एक अत्याधुनिक एक्टिव स्कैन एरे रडार भी है, जो इसे अलगअलग स्पेक्ट्रमों कोस्कैन करने, भारत पर नजर रखने वाली सैटेलाइटों की सर्विलांस करने और पूरे क्षेत्र में मिसाइल परीक्षणों की निगरानीकरने में सक्षम बनाता है. आईएनएस ध्रुव भारत का पहला नौसैनिक पोत है जो लंबी दूरी पर परमाणु मिसाइलों को ट्रैककरने में सक्षम है. इससे भारतप्रशांत क्षेत्र में परमाणु बैलिस्टिक युद्ध के बढ़ते खतरे को भी रोका जा सकेगा. इसकेअलावा, आईएनएस ध्रुव दुश्मन की पनडुब्बियों की रिसर्च और डिटेक्शन के लिए समुद्र तल को मैप करने की क्षमता से भीलैस है.

हिंद महासागर के तल की मैपिंग करके आईएनएस ध्रुव भारतीय नौसेना को तीनों डायमेंशन, सब सर्फेस, सर्फेस औरएरियल में बेहतर मिलिट्री ऑपरेशन की योजना बनाने में भी मदद करेगा. चीन और पाकिस्तान दोनों के पास परमाणुबैलिस्टिक मिसाइल क्षमता है और भारत के साथ भूमि विवाद होने के कारण आईएनएस ध्रुव भारत की समुद्री सुरक्षाआर्किटेक्चर के लिए एक मेजर फोर्स मल्टीप्लायर के रूप में कार्य करेगा. इसके साथ ही जब वे अपनी बैलिस्टिकमिसाइलों का परीक्षण करेंगे तो विरोधी ताकतों की वास्तविक मिसाइल क्षमता को समझने में भी इससे मदद मिलेगी.

इस साल चार जहाजों के लॉन्च होने की उम्मीद

उम्मीद है कि इस साल भारत कम से कम चार जहाजों को लॉन्च कर सकता है, जिसमें एक बैलिस्टिक मिसाइल ट्रैकिंगजहाज आईएनएस ध्रुव है. इसके अलावा, स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम और डीजलअटैक पनडुब्बी आईएनएस वेला, कलवरी का चौथा पोत क्लास भी इस साल के अंत तक शुरू हो जाएगी.

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