बंटवारे में गई थी पिता की जान

बेटे को देखने आई लड़की की बड़ी बहन को दिल दे बैठे थे जगदीप, 3 शादियों से 6 बच्चे

बंटवारे में गई थी पिता की जान

बेटे को देखने आई लड़की की बड़ी बहन को दिल दे बैठे थे जगदीप, 3 शादियों से 6 बच्चे

पूनम की रिपोर्ट इंदौर : शोले के सूरमा भोपाली…जगदीप। असली नाम सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी। बतौर बाल कलाकार फिल्मों में आए, 7 दशक के एक्टिंग करियर में 400 फिल्में कीं। दुनिया को अपनी अदाकारी से हंसाने वाले जगदीप का बचपन भारी मुश्किलों वाला रहा। भारत-पाक बंटवारे में हुए दंगों में उनके पिता मारे गए। मां ने अनाथाश्रम में काम करके उन्हें पाला।

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मां की मदद करने के लिए 7-8 साल की उम्र से ही सड़कों पर गुब्बारे बेचे, पतंग और साबुन बनाने की फैक्ट्री में काम किया। इसी दौरान फिल्म में मौका मिला। बतौर बाल कलाकार अपनी पहचान बनाई। उनकी एक्टिंग से पं. जवाहरलाल नेहरू इतने प्रभावित हुए थे कि उन्होंने अपनी छड़ी गिफ्ट कर दी।

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