असम ब्यूरो : बीते साल अगस्त से लेकर अब तक दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच हुईहुईं कम से कम दो बैठकों में सीमा विवाद को खत्म करने के लिए सिफारिश के लिए दोनोंराज्यों की 3-3 समितियों गठित की गई हैं.
असम और मेघालय सीमा विवाद को लेकर गुरुवार को के बड़ी बैठक होने जा रही है. दोनोंराज्यों के मुख्यमंत्री दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे. बैठक मेंशामिल होने के लिए दोनों मुख्यमंत्री गुवाहाटी से एक साथ निकलेंगे. राजधानी में यह अहमबैठक शाम 6 बजे आयोजित हो सकती है. इस दौरान दोनों नेता सीमा विवाद को सुलझानेके लिए गृहमंत्री को अपनी सिफारिशें सौपेंगे.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग के बाद मेघालय केसीएम कोनराड सांगमान ने कहा, ‘हमारी कैबिनेट ने मेघालय–असम सीमा विवाद कोसुलझाने की प्रक्रिया में सभी 3 क्षेत्रीय समितियों की सिफारिशों को मंजूर कर लिया है. इनसिफारिशों के साथ असम सरकार की तरफ से की गई सिफारिशों पर भी आगे चर्चा कीजाएगी और केंद्रीय गृहमंत्री को सौंपी जाएगी.’
असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा ने भी मंगलवार को एक सर्वदलीय बैठक आयोजित कीथी. उन्होंने ट्वीट किए थे, ‘असम–मेघालय सीमा विवाद को सुलझाने के हमारे प्रयासों काअसर दिखने लगा है, क्यों कि पहले चरण में 12 में 6 क्षेत्रों की पहचान कर ली गई है. चर्चाके दौरान अब तक हुई प्रगति के बारे में सभी सियासी दलों के प्रतिनिधियों को जानकारी दीगई.’
मंगलवार को असम सरकार ने भी अपनी कैबिनेट में सीमा विवाद को सुलझाने के लिएअलग–अलग समितियों की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है. बीते साल अगस्त से लेकर अबतक दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच हुई हुईं कम से कम दो बैठकों में सीमा विवाद कोखत्म करने के लिए सिफारिश के लिए दोनों राज्यों की 3-3 समितियों गठित की गई हैं.
भाषा के अनुसार, संगमा ने कहा कि चर्चा के बाद गृह मंत्रालय एक निष्कर्ष को अंतिम रूपदेगा. उन्होंने कहा कि सीमांकन, संसदीय प्रक्रिया के बाद किया जाएगा. संगमा ने कहा, ‘भारतीय सर्वेक्षण विभाग को आना होगा और संयुक्त अवलोकन करना पड़ सकता है तथाविधेयक भी पारित करना होगा.’ उन्होंने कहा कि दोनों राज्य सीमावर्ती इलाकों में गांवों परसहमत हो गये हैं तथा नदियों और वनों सहित प्राकृतिक सीमाओं की पहचान कर ली गई है.
मतभेद वाले छह स्थानों पर 36 गांव हैं जिनका कुल क्षेत्रफल 36.79 वर्ग किमी है. संगमा नेकहा कि सीमा विवाद 50 वर्षों से है और इसको हल करना मुश्किल कार्य है लेकिन दोनोंराज्यों की कोशिशों के चलते हम एक समाधान पर पहुंच गये हैं. उन्होंने कहा, ‘हमने कईहितधारकों से परामर्श किया, कई बैठकें और कई दौरे किए. जैसा कि मैंने कहा, यह वास्तवमें एक बहुत ही महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण है.’